नागरिकता पर मोदी सरकार का गैरजिम्मेदाराना रवैया — शैलेश नितिन

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रायपुर, 22 दिसम्बर 2019 —  नागरिकता पर मोदी सरकार के रवैये को गैरजिम्मेदाराना ठहराते हुये कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री को जिम्मेदारी से अपनी बात कहनी चाहिए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है और कांग्रेस सहित अन्य राजनैतिक दलों को देश की जनता और देश की तकलीफ पर अपनी बात कहने का अधिकार है और ये हमारा कर्तव्य भी बनता है। देश में मोदी सरकार के कारण असुरक्षा और अनिश्चितता का वातावरण बना है। इसके लिये मोदी सरकार की जल्दबाजी और दोषपूर्ण नीतियां ही जिम्मेदार है। देश में उत्पन्न परिस्थितियों का सीधा दोष मोदी सरकार पर ही है। इतने संवेदनशील विषय पर आम सहमति बनाई जानी चाहिए थी। मोदी सरकार के नागरिकता बिल में कई त्रुटियाँ हैं और संविधान से इसका सीधा टकराव है। खासतौर से जो संविधान का आर्टिकल 14 है।इस कानून की आज कोई आवश्यकता ही नहीं थी। हमारे देश के कानून में सब प्रावधान हैं, संविधान में नागरिकता देने के और समय-समय पर दी भी गई हैं। पिछली सरकारों ने भी दी है। चाहे वो नैचुराईलेजशन का और रजिस्ट्रेशन का है। मोदी सरकार को इस पर धर्म से धर्म को लड़ाने कीराजनीति नहीं करनी चाहिए। आज देश में जो परिस्थिति बनी है इसलिए बनी है क्योंकि गृहमंत्री ने दोनों सदनों के अंदर कहा कि अब वो एनआरसी पूरे देश के अंदर ला रहे हैं। एनआरसी पूरे देश के अंदर लाने का बयान गृह मंत्री अमित शाह का बयान है कांग्रेस पार्टी का बयान नहीं है, न ही विपक्षी दलों का है।

इस काले कानून के खिलाफ आंदोलनरत छात्र, नागरिक और सामाजिक संगठन इसी देश के हैं, वो किसी दूसरे देश के संगठन नहीं हैं। प्रजातंत्र में सबको अधिकार है, बात कहने का, प्रोटैस्ट करने का और सरकार का दायित्व है, बात सुनने का, आशंकाओं का निवारण करने का, त्रुटियों को ठीक करने का। अभी भी ये मामला लंबित है, उच्चतम न्यायालय में, उसकी सब संविधान की पीठ इसको सुनेगी, इसलिए इंतजार करना चाहिए, इसको जल्दबाजी में लागू नहीं करना चाहिए।

असम में, नॉर्थ-ईस्ट भारत में, उत्तर पूर्व में निर्मित परिस्थितियाँ की जिम्मेदार भाजपा की सरकारें हैं।केंद्र में भी बीजेपी की सरकार है और इन राज्यों में भी बीजेपी की सरकार है।

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