कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने और कांग्रेस सरकार के मुखिया भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा को प्रभावित करने के उद्देश्य से मारे गए थे आयकर के छापे — विकास तिवारी

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रायपुर , 2 मार्च 2020 — छापों के बाद आयकर विभाग द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में नोटबंदी के समय जमा की गई राशि का उल्लेख है। उस समय तो छत्तीसगढ़ में भाजपा की रमन सिंह जी की सरकार थी उस दौरान जमा की गई किसी भी रकम के लिए भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन भ्रष्ट सरकार ही उत्तरदायी है।

15 लोगों के 36 ठिकानों पर छापे मारे गए थे इसमें किस व्यक्ति से और किस ठिकाने से क्या जप्त हुआ इसका स्पष्ट खुलासा आयकर विभाग करता है । लेकिन आयकर विभाग द्वारा छापों के बाद जारी विज्ञप्ति में ऐसा कोई खुलासा ना होना इस बात को स्पष्ट उजागर करता है कि इन छापों में आयकर विभाग कोई उपलब्धि प्राप्त नहीं कर सका ।

नोटबंदी के समय भ्रष्टाचार की रकम का बेनामी खातों में जमा होने का विज्ञप्ति में उल्लेख होना इस बात का जीता जागता सबूत है कि रमन सिंह सरकार में जमकर डटकर भ्रष्टाचार हुआ था कांग्रेस जो भ्रष्टाचार का आरोप भाजपा की रमन सिंह सरकार पर लगाती रही, कांग्रेस के भाजपा पर लगाये गये उन आरोपों पर आयकर विभाग ने अपनी मुहर इस रिपोर्ट के द्वारा लगा दी है।

आयकर विभाग की यह विज्ञप्ति डॉ रमन सिंह द्वारा मोटा माल मिलने जैसी कही गई गलत बातों की पुष्टि मात्र करने के लिए जारी की गई प्रतीत होती है इस विज्ञप्ति में किसी भी प्रकार के कोई तथ्य सामने नहीं आए हैं यह विज्ञप्ति छापों की पूरी कार्यवाही की तरह ही फर्जी है।

कांग्रेश पार्टी केंद्र की भाजपा सरकार और छत्तीसगढ़ के भाजपा नेताओं द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से रची गई साजिश के बेनकाब होने पर मांग करती है कि भाजपा अब छत्तीसगढ़ की जनता से क्षमा याचना करें।

क्योंकि यह छापे छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने और कांग्रेस सरकार के मुखिया किसान पुत्र भूपेश बघेल की प्रतिष्ठा को प्रभावित करने के उद्देश्य से मारे गए थे, इसे देखते हुए कांग्रेस पार्टी यह मांग करती है कि आयकर विभाग किस व्यक्ति से क्या राशि जप्त हुई है इसका खुलासा तत्काल करें।

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