पुलिस में सद्भावना पूर्ण व्यवहार और समाधान का  नजरिया होना चाहिए — मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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मुख्यमंत्री शामिल हुए प्रशिक्षणरत् पुलिस अधिकारियों की दीक्षांत परेड समारोह में
 
राज्य पुलिस अकादमी में अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब, आदर्श थाना भवन निर्माण और सीनियर ऑफीसर्स मैस की स्वीकृति की घोषणा
रायपुर —  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस अकादमी चंदखुरी में प्रशिक्षणरत् 23 उप पुलिस अधीक्षक (नवम सत्र) एवं 12 उप निरीक्षक परिवहन, दूरसंचार (द्वितीय सत्र) के दीक्षांत परेड समारोह में शामिल हुए। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया और दीक्षांत परेड की सलामी ली।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस में सद्भावना पूर्ण व्यवहार और समाधान का नजरिया होना चाहिए। पुलिस में युवा केवल आजीविका के लिए नहीं, अपनी माटी का कर्ज चुकाने की भावना के साथ आते हैं। जब पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की भावना के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, तभी हम अपने घरों में सुरक्षित रह पाते हैं। राज्य और देश के विकास में भी सुरक्षापूर्ण वातावरण की महत्वपूर्ण भूमिका है।
कार्यक्रम में गृह मंत्री  ताम्रध्वज साहू एवं नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, विधायक मोहन मरकाम और जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। दीक्षांत परेड समारोह में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सी.के. खेतान, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में इस अवसर पर कहा कि राज्य पुलिस अकादमी को बेहतर संसाधनों से सुसज्जित किया जाएगा। उन्होंने राज्य पुलिस अकादमी में इंडोर प्रशिक्षण के लिए अत्याधुनिक फॉरेंसिक साइंस लैब और सीन ऑफ क्राइम भवन, आदर्श थाना भवन निर्माण और सीनियर ऑफीसर्स मैस की स्वीकृति की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित राज्य होने के कारण पुलिस की चुनौती छत्तीसगढ़ में बढ़ जाती है, हमारे पुलिस अधिकारी और कर्मचारी सशस्त्र बलों के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलतापूर्वक कर रहे हैं।
भूपेश बघेल ने पुलिस के नए अधिकारियों से कहा कि वे नवाचार के प्रति जागरूक रहते हुए नई तकनीकों को अपनाने के लिए तत्पर रहें। नवाचार के माध्यम से समाज को अपने साथ जोड़ने का प्रयास करें। श्री बघेल ने कहा कि पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों को विषम परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। राज्य सरकार उनके परिजनों को सुविधा मुहैया कराने और सुरक्षा के लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने अधिकारियों से अपने कर्तव्यों और परिवार के बीच संतुलन स्थापित करने की समझाइश भी दी।
गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि जनता में पुलिस के प्रति सद्भावना और अपराधियों में पुलिस से भय होना चाहिए। जनता में यदि हम ऐसा कर पाए तो यह हमारी बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि कर्तव्य निर्वहन के दौरान अधिकारी सदैव पुलिस आचरण संहिता के प्रावधानों का ध्यान रखें और उन पर अमल करने का प्रयास करें।
पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी ने कहा कि नए पुलिस अधिकारी 9 माह के कड़े प्रशिक्षण के बाद अब फील्ड प्रशिक्षण के लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दीक्षांत परेड किसी भी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण होता है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा ने राज्य पुलिस अकादमी का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उपपुलिस महानिरीक्षक श्रीमती नेहा चंपावत ने दीक्षांत परेड में शामिल अधिकारियों को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने नए पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विधाओं में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र और शील्ड प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने पुलिस मुख्यालय द्वारा प्रकाशित त्रैमासिक न्यूजलेटर के प्रथम अंक और राज्य पुलिस अकादमी की मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर पुलिस विभाग के अनेक वरिष्ठ अधिकारी, परेड में शामिल अधिकारियों के परिजन भी उपस्थित थे।

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