मुद्दाविहीन भाजपा के पास कांग्रेस सरकार के बारे में कुछ भी नकारात्मक बोलने और कहने को है ही नहीं …..रेत-सीमेंट के दामों में बढ़ोतरी भाजपा का झूठा प्रोपोगंडा — सुशील आनंद शुक्ल

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भाजपा राज में सीमेंट 325 रू. था तब क्या भाजपा मोदी-रमन टैक्स वसूलती थी….

रेत खदानों खनिज निगम को देने का विरोध वही कर रहे जिनके खुद के हित बाधित हो रहे…..

 

 

रायपुर —  कांग्रेस ने सीमेंट, रेत के दामों में बढ़ोतरी को भाजपाई प्रोपोगंडा बताया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि मुद्दाविहीन भाजपा के पास कांग्रेस सरकार के बारे में कुछ भी नकारात्मक बोलने और कहने को है ही नहीं इसलिये अब भाजपा सीमेंट और रेत के दामों की बढ़ोतरी का दुष्प्रचार कर रही है। रेत राजधानी रायपुर सहित प्रदेश में पहले भी 8000 रू. प्रति हाईवा लगभग 14 से 15 रू. फिट थी, आज भी रेत का बाजार भाव इतना ही है। सीमेंट की कीमतों में हर महीने 8 से 10 रू. की घट बढ़ होती है। यह सीमेंट मेन्यूफेक्चर एसोसिएशन बाजार की मांग के आधार पर निर्धारित करता है। किसी महीने सीमेंट की कीमत 8-10 रू. कम होती है, कभी बढ़ती है। तुलनात्मक रूप से भाजपा के शासनकाल की तुलना में आज भी सीमेंट की कीमतें कम है। भाजपा के राज में तो सीमेंट के दाम 325 रू. बोरी तक पहुंच गया था, तब क्या भाजपा सरकार इसमें रमन और मोदी टैक्स की वसूला करती थी?
रेत खदानों को छत्तीसगढ़ खनिज निगम के माध्यम से संचालित करने के कांग्रेस सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से रेत खदानों पर से माफियाओं का नियंत्रण समाप्त होगा। प्रदेश के राजस्व में वृद्धि होने के साथ-साथ पंचायतों को मिलने वाले राजस्व में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ-साथ प्रदेश के सीमावर्ती राज्यों में होने वाली रेत के अवैध परिवहन में और राज्य के राजस्व की हानि पर अंकुश लगेगा। साथ ही पड़ोसी राज्यों को विधिवत रेत का निर्यात होने से खनिज रायल्टी में भी बढ़ोतरी होगी।
भाजपा के पंद्रह साल के शासन काल में कुकुरमुत्ते की तरह पनपे रेत माफिया ने तत्कालीन सरकार में बैठे हुये प्रभावशाली लोगों के संरक्षण में पंचायतों पर अनुचित दबाव बना कर राज्य की नदी घाटो से रेत का अवैध दोहन किया। पंचायतों को सही राजस्व नहीं मिल पाता था। सीएमडीसी के अधीन होने से रेत खदानों का बेहतर प्रबंधन होगा तथा इसका सीधा लाभ प्रदेश की जनता को होगा। इसका विरोध वही लोग कर रहे है जिनका इस निर्णय से निजी हितें को नुकसान होने वाला है।

 

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