सत्ता की खुमारी उतरते ही भाजपा को शराब की बुराई याद आ गई — धनंजय सिंह ठाकुर

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शराब पर भाजपा के ट्वीट पर कांग्रेस का पलटवार……..

भाजपा मोदी से मांग करे प्लास्टिक पर देशव्यापी लगाये प्रतिबंध…….

 

 

रायपुर —  शराब पर छत्तीसगढ़ भाजपा के ट्वीट पर पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि सत्ता की खुमारी उतरते ही भाजपा को शराब की सारी बुराई याद ने लगी। जब भाजपा सत्ता में थी तब शराबबंदी की बात कर भाजपा सरकार खुद शराब बेचने लगी। तब क्या भाजपा शराब के कमीशन के नशे में मदहोश थी? कांग्रेस तो पूववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा की गयी सरकारी दुकानों से शराब बेचने का निरंतर विरोध करती रही। कांग्रेस छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराब बंदी की न केवल पक्षधर है, बल्कि इसे लागू भी करेगी। 1 मार्च से 50 शराब दुकान बंद करने का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शराबबंदी की ओर पहला ठोस कदम बढ़ा चुके है। कांग्रेस सरकार शराबबंदी को मोदी की तरह नोटबंदी की तर्ज पर करके नोटबंदी की तरह उद्देश्यहीन होने नही देगी। शराबबंदी के लिये दो अध्ययन दल बनाने का निर्णय लिया गया है जो पूववर्ती भाजपा सरकार द्वारा बनाई गई अध्ययन दल की तरह ज्यादा से ज्यादा शराब बेचने काउंटर बढ़ाने एवं दुकानों को पीयकक्ड़ो के लिये सुविधाजनक बनाने सुझाव नही देगी, बल्कि राज्य में शराबबंदी कैसे हो इस पर स्पष्ट नीति बनायेगी। भाजपा दीनदयाल उपाध्याय को अंत्योदय का प्रेरक मानती है, राज्य की अंतिम आदमी की उत्थान की बात करती थी लेकिन भाजपा सरकार ने सरकारी दुकानों से शराब बेचने की नीति बनाकर राज्य के अंतिम आदमी को शराब के नशे में धकेलने का काम किया है। तब भाजपा को शराब की ये बुराईयां समझ में क्यों नहीं आती थी?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्लास्टिक में शराब का विरोध कर रही भाजपा बतायें कि पैकिंग आयटम एवं प्लास्टिक के बोतल पर प्रतिबंध लगाने उसने मोदी सरकार से यह मांग क्यों नहीं की? मोदी का चहेता अम्बानी ही तो सबसे बड़ा निर्माता है प्लास्टिक दाने का। रिलायंस से दाना लेकर छोटे मंझोले कारखाना वाले प्लास्टिक आयटम बनाते है । रिलायंस प्लास्टिक दाना ही नहीं बनायेगा तो प्लास्टिक आयटम बनेंगे ही नही। भाजपा नेता मोदी से अंबानी का प्लास्टिक दाना बनाना बंद करने के लिये कहे तो ना रहेगा बांस, ना बजेगी बांसुरी। दीनदयाल को अंत्योदय का प्रेरक मानती है राज्य की अंतिम आदमी की उत्थान की बात करती थी और सरकार के द्वारा शराब बेचने की नीति बनाकर राज्य के अंतिम आदमी को शराब के नशे में धकेलने का काम किया। तब शराब की बुराई समझ नहीं आई थी।

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