शीतकालीन विधानसभा सत्र का पहला दिन , दिवंगत विभूतियों को दी गई श्रद्धांजलि

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छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत कालीन सत्र के प्रथम दिन 6 दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई

रायपुर, 25 नवम्बर 2019 — छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आज प्रथम दिन देश और प्रदेश की छह दिवंगत विभूतियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई । सदन में भारत की पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर, देश के पूर्व वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली, अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य श्री मालू राम सिंघानिया, कोरबा से लोकसभा के पूर्व सदस्य डॉ. बंशीलाल महतो और अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी को विनम्र श्रद्धांजलि दी गई। इन विभूतियों के सम्मान में सदन में 2 मिनट का मौन रखा गया।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने दिवंगत विभूतियों के जीवन, व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए, उनके देश और प्रदेश की राजनीति में योगदान का स्मरण किया और उनके निधन को एक अपूरणीय क्षति बताया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भारत की पूर्व विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे एक प्रखर वक्ता और कुशल प्रशासक थीं। भाषा और कानून पर उनकी अच्छी पकड़ थी। अनेक भाषाओं का उनको ज्ञान था। देश की विदेश मंत्री, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री, दूरसंचार मंत्री, नेताप्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने देश की उल्लेखनीय सेवा की। उनका निधन भारत की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। श्री बघेल ने अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल गौर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं कहा की मध्यप्रदेश की विधानसभा में उनके साथ बैठने और सुनने का अवसर मिला। उनकी पहचान एक आंदोलनकारी और श्रमिक नेता के रूप में थी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री सहित गृह, विधि विधायी, नगरी प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण, श्रम, भोपाल गैस राहत एवं पुनर्वास मंत्री, उद्योग विभाग सहित अनेक विभागों के मंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया। देश के पूर्व वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कुशल रणनीतिकार और कानून विद थे। सूचना प्रसारण मंत्री, वित्त मंत्री, वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में उन्होंने देश की उल्लेखनीय सेवा की। भारतीय संसद की चर्चा प्रक्रिया को उन्होंने समृद्ध किया। संसदीय चर्चा में उनका अमूल्य योगदान रहा।
अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सदस्य श्री मालूराम सिंघानिया को याद करते हुए श्री बघेल ने कहा कि वे सहज, सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने गौ-सेवा के क्षेत्र में बड़ा काम किया। पूर्व लोकसभा सदस्य डाॅ. बंशीलाल महतो को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में दो बार उनसे मुलाकात हुई थी और ऐसा लगता नहीं था कि वे असमय हमें छोड़ कर चले जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अविभाजित मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वर्गीय श्री जोशी के साथ उन्हें विधानसभा में बैठने और उनके अनेक उद्बोधन सुनने का अवसर मिला। मध्यप्रदेश के नौवें मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने काम किया। उनका प्रदेश के विकास में उल्लेखनीय योगदान रहा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने सभी दिवंगत विभूतियों के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करने के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश की राजनीति में इन महान विभूतियों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अजीत जोगी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, पूर्व मंत्री और विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल और विधायक श्री केशव चंद्रा ने भी दिवंगत विभूतियों को श्रद्धांजलि दी।

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