धान नही बिकने से किसान , व्यापारी ,और प्रशासन हो रहे है परेशान

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मोरो धान नई बिकत ऐ रोज नवा – नवा नियम आवत हे फेर देखथव कलेक्टर ल बोल के ,कहिन विधायक ममता चन्द्राकर

 

पंडरिया —  धान नही बिकने से किसान ,ब्यापारी ,और प्रशासन परेसान हो चुके है !आम नागरीक स्थानिय धान क्रय समिति पर धान नही खरिदने के आरोप से नराजगी ब्यक्त करते दिखाई दे रहे है !जबकी क्रय समिति सरकार के पल पल आदेश के पालन करने विवस है !हल्की सी आदेश का अवहेल्ना करते पाये जाने पर कर्मचारी के खिलाफ हिटलर शाही कार्यवाही किया जा रहा है ! जिससे धान क्रय समिति में हडकंप मची है !अपुष्ट सुत्रो से जानकारी लग रही है सेवा सहकारी समिति प्रबंधक संघ आवश्यक बैठक रख कर सामोहिक इस्तिफा तक करने विचार करने मजबूर है !इधर ऊच्च अफसर भी रोज का सरकारी आदेश पालन कराने में अडचन पर है !इस रोज के सरकारी हिटलर साही फरमान से अगर कोई पिस रहा है तो वह है किसान ! गांव में किसान आर्थिक मंदी से गूजर रहा है सरकार के कडा आदेश के पालन से धान ब्यापारी धान लेने से हाथ खडा कर दिये है !नतिजा किसान पैसा अभाव में जुझ रहा है !आज किसान के पास सब्जी से लेकर इलाज ,दवाई ,कर्ज ,खाद बिज मजदूर के मजदूरी भुगतान तक किसान नही कर पा रह है !जिससे किसान बहोत परेशान हो रहे है !और रोज मजदूर और किसान की तनाव बढ रही है ! इधर किसान के मजदूर बिना कृषी कार्य होना बंद हो गया है !जबकी सरकार धान की एम एस पी 2500 रू पर क्यून्टल करने का वादा किया है ऊपर से बोनस अतिरिक्त देने घोषणा की है !घोषणा देख किसान खुश थे पर धान क्रय नियम से किसान अब यह भी कहने लगे है !सरकार धान नही खरिदना चाहती है ?इस कारण नही पालन हो सकने वाला नियम बनाकर जबरन परेशान कराने की मंशा पर कार्य कर रही है ? इस लिऐ अब किसान सरकार के नियत को समझकर सडक की लडाई पर ऊतर आऐ है! पंडरिया के अलावा सभी धान खरिदी सेटंर पर किसान अपना धान नही बिकने से परेशान है !इस कारण विरोध सरकार के नियम व आदेश का करने लगे है !सरकारी आदेश में किसानो का रकबा कम कर दिया गया है !वही धान 17% तक नमी ही स्विकार किया जाने है !और जारी टोकन को हल्का पटवारी सत्यापित करने के बाद किसान द्वारा बेचे जाने वाला एक एक बिजा धान का खरिददार निरिक्षण ढेंरी कराने से क्वालिटी रहने पर ही खरिदी करेगा !ऊपर से प्रतिदिन धान खरिदी का र्निधारित मात्रा व समय है र्निधारित समय पर शिष्टम बंद कर दिया जाता है !जो सरकार के अलावा सभी के लिऐ मुसिबत बन गया है !इधर मंडी से पंजीकृत लायसेंस धारी धान ब्यापारी प्रतिदिन सभी अनाज का प्रकार मिलाकार 8 क्यूनटल क्रय विक्रय कर सकता है !इस नियम का पालन कराने प्रशासन कसावट पर ऊतर आई है ! जिससे कोचिये ,बडे किसान, ब्यापारी सब जो सैकडो क्यूनटल धान खरिदी बिक्रय करते थे वो सब बंद है !लगातार छापामार कार्यवाही होने से ब्यापारी दहशत में है नतिजा खुले बजार में एक किलो धान नही बिक रहा है ! जिससे किसानो का रोजमर्रा की जरुरते पुरा करने के लिऐ पैसा नही है !यहा तक गांव में घुम घुम कर धान के बदले मुर्रा बेचने वाली मुर्रहिन धान से मुर्रा बेचना बंद कर दी है !धान का कटोरा छत्तीसगढ कहे जाने वाले धान आज कही का नही रह गया है ? छत्तीसगढ का किसान का पहला फसल धान है ! और आज ऊनके पास धान होते हुऐ वो एक एक पैसे के लिऐ तरसने लगे है ? इसी कारण बिते कल नगर पंचायत चुनाव के नमांकन के अंतिम दिन पंडरिया तहसील कार्यलय पहूची पंडरिया विधायक मंमता चन्द्राकर से किसान धान नही बिकने का सवाल ऊठाऐ ? तो विधायक किसानो को कहने लगी “मै खुद किसान आव भाई हो, मोरो धान हर नई बिकत हे, रोज के नवा नवा आदेश ल महू परेशान हव, आपो मन के परेशानी ल समझत हव, मै हर बात करहू कलेक्टर मन ल ,कुछू रष्ता हर निकलही, अभी नवा नवा सरकार बने हे, थोडा समय लगही ,, बोल कर किसानो को भौचक कर गई !अब किसानो के समस्या हल कौन करें सवाल खडा हो गया है ?

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