मदनवाड़ा कांड की न्यायिक जांच की घोषणा से भाजपा बौखलाई — शैलेश नितिन
भूपेश बघेल ने 10 वर्षो से लगातार मदनवाड़ा की जांच की जरूरत पर दिया जोर
कांग्रेस ने लगातार मदनवाड़ा मामले को उठाया और जांच की मांग की
रायपुर/20 जनवरी 2020 — मदनवाड़ा कांड की न्यायिक जांच आयोग गठित होने पर भाजपा द्वारा दिये गये बयान की सच्चाई उजागर हो जाने से घबराकर बौखलाहट में बोले गये झूठ की संज्ञा देते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस के नेता मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मदनवाड़ा की घटना की सूचना मिलने के तत्काल बाद राजनांदगांव जाकर न केवल स्वयं वस्तुस्थिति की जानकारी ली बल्कि उस समय से लगातार मदनवाड़ा मामले में विसंगतियों को भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी उठाती रही है। 29 जून 2013 को डॉ. चरणदास महंत और रविन्द्र चौबे के बयान में भी जीरम के साथ-साथ मदनवाड़ा की घटना को लेकर सुस्पष्ट आरोप लगाये गये थे। 3 दिसंबर 2014 को माओवादी हमले में 14 जवानों की शहादत के बाद भी कांग्रेस ने यह मामला उठाया था। 18 दिसंबर 2014 को भी कांग्रेस के बयान में कहा गया था मदनवाड़ा मामले में भाजपा सरकार का रवैया गलत है। गंभीरता से नहीं लिया गया। भाजपा सरकार संवेदनहीन क्रूर और निर्दयी बनी रही।
छत्तीसगढ़ के सपूतों क़ी मदनवाड़ा में शहादत की जाँच होनी ही चाहिये
मदनवाड़ा की न्यायिक जांच कराने के भूपेश बघेल सरकार के फ़ैसले का स्वागत
छत्तीसगढ़ के सपूतों क़ी मदनवाड़ा में शहादत की न्यायिक जांच कराने के भूपेश बघेल सरकार के फ़ैसले का कांग्रेस ने स्वागत किया है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 12 जुलाई 2009 माओवादी हमले में राजनाँदगाँव के एसपी व्ही.के. चौबे सहित 29 पुलिसकर्मियों की मदनवाड़ा में शहादत के मामले में साज़िश उजागर होनी चाहिए। जिन संदेहास्पद परिस्थितियों में व्ही.के. चौबे सहित 29 पुलिसकर्मी की शहादत हुई थी उसकी जाँच न्यायिक आयोग द्वारा कराने के भूपेश बघेल सरकार के फ़ैसले का कांग्रेस स्वागत करती है। इस घटना के बाद सूचना तंत्र और एसपी को बगैर पर्याप्त सुरक्षा और तथाकथित परिस्थिति बताकर भेजे जाने को लेकर बड़े सवाल खड़े होते रहे हैं। छत्तीसगढ़ के 29 सपूतों क़ी मदनवाड़ा में शहादत की जाँच होनी ही चाहिए।