रमन सिंह सरकार को गरीब, मजदूर, किसानों की नहीं मीसाबंदियों की चिंता — शैलेश नितिन

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100 करोड़ रू. सरकारी खजाने से संघ समर्थको को बांट दिये गये

जनता के खजाने का पैसा विकास कार्यो में नहीं संघ विचारधारा के पोषण में लगाया गया

 

रायपुर/24 जनवरी 2020 — मीसाबंदियों की मुफ्तखोरी पर रोक लगाने का स्वागत करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 100 करोड़ रू. की राशि सरकारी खजाने से संघ समर्थकों को बांट दी गयी। भाजपा सरकार को गरीब, मजदूर, किसानों की नहीं मीसाबंदियों की चिंता रही। रमन सिंह सरकार ने जनता के खजाने का पैसा विकास कार्यो में नहीं संघ विचारधारा के पोषण में लगाया। एक ओर भाजपा सरकार ने संघी विचारधारा के लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए राजकोष का दुरूपयोग किया है। दूसरी ओर कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों का 11000 करोड़ का कर्ज माफ किया। किसानों को 2500 रूपये धान का दाम दिया गया। तेंदूपत्ता श्रमिकों को मानक बोरा 4000 मजदूरी दी गयी। गरीबों, मजदूरों, किसानों को लाभ पहुंचाने में, छत्तीसगढ़वासियों का हित करने कांग्रेस सरकार लगी हुई है। कांग्रेस सरकार के इन गरीब, मजदूर, किसान के हित के कार्यो के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार कार्यरत है। मितव्ययिता बरतते हुये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं के काफिले में गाड़ियां की संख्या कम की है। राजनेता अपनी सुख सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने में लगे रहते है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे कम किया है। मुख्यमंत्री निवास जाने के पहले भूपेश बघेल ने वहां कोई नया निर्माण या परिवर्तन तक नहीं किया। कांग्रेस सरकार ने सरकारी कामकाज में रमन सिंह सरकार द्वारा 15 वर्ष किये गये भ्रष्टाचार और फिजूल खर्ची पर रोक लगाई है। इसी क्रम में अब संघी विचारधारा के लोगों को सरकारी खजाने से जनता का करोड़ों रूपयें बांटने वाली इस योजना पर रोक लगाई है। यह जनहित में उठाया गया कांग्रेस सरकार का कदम है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस फैसले का कांग्रेस पार्टी स्वागत करती है ।

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह सरकार द्वारा 5 अगस्त 2008 को कांग्रेस-विरोधी विचारधारा के मीसा बंदियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह जनविरोधी योजना लागू की गयी थी जिसके तहत 300 मीसा बंदियों को लगभग 25,000 प्रतिमाह की राशि दी जाती थी। 2008 से लेकर आज तक 90 से 100 करोड़ रुपए की राशि मीसा बंदियों को राहत देने के नाम पर भाजपा और संघ विचारधारा के लोगों की भेंट चढ़ा दी गई। रमन सिंह जी की सरकार ने लगातार सरकारी पैसों का दुरूपयोग कर कांग्रेस विरोधी विचारधारा के व्यक्तियों को आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिये सरकारी खजाने के दुरूपयोग का स्तरहीन आचरण किया है।

 

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