बच्चों पर अनावश्यक भय और दबाव नहीं बने …..सुरक्षा एवं संतोषजनक वातावरण में दें परीक्षा

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छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग द्वारा 
बोर्ड परीक्षा के छापामार दलों को प्रशिक्षण देने के निर्देश…… 

 

 

रायपुर — छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण ने बोर्ड परीक्षाओं में छापामार दलों को नकल की घटनाओं का आकस्मिक निरीक्षण करते समय संवेदनशील बनाए रखने के उद्देश्य से प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं, जिसे बोर्ड परीक्षा दे रहे छात्र-छात्राओं पर अनावश्यक तनाव और दबाव नहीं बने और परीक्षा कक्ष में बच्चों को प्रेम व सुरक्षा का संतोषजनक वातावरण मिले।

छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर छापामारों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि आयोग बच्चों में नकल करने की प्रवृत्ति की रोकथाम के लिए सजग है, लेकिन इसके साथ बच्चों के मानसिक स्थिति को ध्यान में रखा जाना भी आवश्यक है।

आयोग की जानकारी में आया है कि बोर्ड परीक्षाओं में छापामार दलों द्वारा नकल की घटनाओं का आकस्मिक निरीक्षण करते समय कभी-कभी बच्चों की मानसिक स्थिति को ध्यान में रखकर आचरण नहीं किया जाता है इससे उनमें भय और दबाव उत्पन्न हो जाता है। छापामार दल ऐसे समय संवेदनशीलतापूर्वक व्यवहार करते हुए संयम बरतें, जिससे बच्चों में भय या दबाव उत्पन्न न करें। छापामार दल जब परीक्षा कक्ष में प्रवेश करे तो, उससे परीक्षा में व्यवधान उत्पन्न नहीं होना चाहिए। कुछ बच्चों की गलतियों के कारण सभी बच्चों को शक की नज़र से देखना भी उचित नहीं है। बच्चों के परीक्षा कक्ष में सार्वजनिक रूप से अपमानित होने पर उनमें इस हद तक मानसिक पीड़ा उत्पन्न हो सकती है, ऐसी स्थितियों से बचना चाहिए। विद्यार्थी के पास नकल होने की शंका होने पर चिन्हित बच्चे के प्रति सकारात्मक रूख अपनाते हुए बातचीत करनी चाहिए, जिससे वह बच्चा निराशा में ना चला जाए।

 

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