मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखा पत्र… पत्र में मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों को सहायता प्रदान करने के दिए सुझाव ।
मनरेगा श्रमिकों को तीन माह तक एक हजार रूपए, जन-धन खातों में तीन माह तक 750 रूपए और संगठित क्षेत्र के कामगारों की भविष्य निधि का वहन तीन माह तक केन्द्र सरकार द्वारा करने का दिया सुझाव
मुख्यमंत्री ने कहा- समाज का एक बड़ा वर्ग केन्द्र सरकार द्वारा की गई घोषणाओं से लाभ प्राप्त करने में अभी भी वंचित है
रायपुर, 01 अप्रैल 2020 – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि- 26 मार्च को केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा आमजन को सहायता पहुंचानेे के लिए की गयी घोषणाएं सराहनीय है, जिसमें समाज के बड़े तबके को राहत मिली है। केन्द्र सरकार द्वारा की गयी सकारात्मक पहल को निरंतर जारी रखने की आवश्यकता है, क्योकि अभी भी समाज का एक बड़ा वर्ग उन घोषणाओं से लाभ प्राप्त करने में अभी भी वंचित है। विशेष तौर पर ‘‘मनरेगा‘‘ योजना के तहत आने वाले भूमिहीन मजदूर तथा असंगठित क्षेत्र के कामगार, वर्तमान परिस्थितियों में इनका जीवन-यापन दूभर होना तय है।
श्री बघेल ने कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री जी द्वारा की गयी घोषणाओं के संदर्भ में उनके अतिरिक्त मेरे कुछ सुझाव इस प्रकार हैः-मनरेगा एवं असंगठित क्षेत्र के कामगारों को आगामी तीन माह तक प्रतिमाह एक हजार की राशि उनके खातों में अंतरित की जाए। सभी जन-धन खाता धारकों को 750 रूपए प्रतिमाह की राशि आगामी 3 माह तक उनके खातों में अंतरित की जाए। इसमें महिला, पुरूष, जीरो बैलेन्स अथवा अप्रचलित खाते सभी शामिल हो।
श्री बघेल ने इसके साथ ही संगठित क्षेत्र के सभी कामगारों जिन्हें 15 हजार प्रतिमाह से कम राशि प्राप्त होती हो, उनकी भविष्य निधि की संपूर्ण राशि आगामी तीन माह तक केन्द सरकार द्वारा वहन करने और उसमें किसी भी तरह की पूर्व शर्त नही रखने का अनुरोध किया है। श्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री से कहा है कि यदि उपरोक्त सुझाव के अनुरूप स्वीकृति दी जाती है तभी हम कोरोना के खिलाफ छेड़ी गयी जंग जीतने में सफल हो सकते है अन्यथा लाखों परिवारों के लिए जीवन का संकट उत्पन्न होना निश्चित है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से विनम्र अनुरोध किया है कि इन मांगों की स्वीकृति शीघ्र अतिशीघ्र प्रदान करने का कष्ट करें ताकि इन वर्गो को बड़ी राहत मिल सके।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ‘‘लॉकडाउन किया गया है। जिससे राज्य में कोेरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है। ‘‘एम्स रायपुर का अमला तथा राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा सम्हाले हुए है।