लोकसभा चुनाव में हार के डर से भारतीय जनता पार्टी घबरा रही है — सुशील आनंद

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भारतीय जनता पार्टी को अपने अध्यक्ष के चुनाव जीतने पर ही भरोसा नही ……

भाजपा हारे हुये अध्यक्ष के नेतृत्व में काम करने की शर्मनाक स्थिति से बचने उसेंडी को चुनाव नहीं लड़ा रही……

 

 

रायपुर —  अभी चुनाव हुआ नहीं है, आगामी लोकसभा चुनाव में हार के डर से भारतीय जनता पार्टी घबरा रही है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बिना चुनाव लड़े ही हार मान बैठी है। यही कारण है कि भाजपा ने अपने वर्तमान सांसदों को हारा हुआ मान लिया है। भाजपा को अपने प्रदेश अध्यक्ष के भी चुनाव जीतने में संशय दिख रहा है इसीलिए भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी को चुनाव नही लड़वा रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा की पतली हालात का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि जिस व्यक्ति के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी राज्य में चुनावी मैदान में जा रही है पार्टी उसे ही चुनाव लड़ाने में डर रही है। भाजपा यह भली भांति समझ रही है कि लोकसभा चुनाव में जनता उसेंडी से उनकी निष्क्रियता का हिसाब लेने वाली है। राज्य के 11 लोकसभा क्षेत्रो के समान कांकेर के मतदाता भी मोदी सरकार और भाजपा सांसदों की निष्क्रियता का जबाब मांगेंगे। भाजपा डर रही है कि प्रदेश अध्यक्ष भी चुनाव हार जायेगे तो आने वाले पांच साल तक विपक्ष के रूप में भाजपा की सक्रियता पूरी तरह शून्य हो जाएगी। जनता द्वारा नकारे गए नेता के नेतृत्व में पांच साल तक रहने की शर्मनाक स्थिति से बचने के लिए भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष को चुनाव नही लड़वा रही है।

प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में विश्वसनीयता के संकट के दौर से गुजर रही है। उसके प्रदेश सरकार पर जनता ने विधानसभा चुनाव में अविश्वास व्यक्त किया था। राज्य में भाजपा बुरी तरह पराजित हुई। अब केन्द्रीय नेतृत्व ने राज्य के भाजपा सांसदों पर अविश्वास व्यक्त करते हुये टिकिट काट दिया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा लिये गये फैसलों और जनघोषणा पत्र में किये गये कांग्रेस के वायदों को पूरा करने के लिये गये निर्णयों की तुलना राज्य के मतदाता केन्द्र की मोदी सरकार के 60 माह के कार्यकाल को वायदा खिलाफी और जुमलों का युग मान रहे। इसके विपरीत कांग्रेस सरकार के तीन महिने के अंदर किये गये कार्यो और निर्णयों की तुलना कर छत्तीसगढ़ की सभी 11 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने का मन बना चुके है।

 

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