शराबबंदी समितियों का गठन गैरवाजिब — रिजवी
रायपुर– जकांछ नेता, मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने राज्य शासन के शराबबंदी पूर्व समितियो के गठन को विचित्र एवं औचित्यहीन बताया है तथा कहा है कि प्रदेश सरकार कांग्रेस ने चुनावी संकल्प पत्र में प्रमुखता से पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी, परन्तु शराबबंदी के लिए सरकार द्वारा उक्त घोषणा पर अमल करने के पूर्व राजनैतिक एवं सामाजिक समितियो के गठन के द्वारा सुझाव आमंत्रित किये जाने के निर्णय को गैरवाजिब बताया है। सरकार का यह निर्णय प्रदेश की जागरूक जनता के गले नही उतर रहा है तथा तरह-तरह के शंकास्पद सवाल जनता के दिलो दिमाग में कौंध रहे है, क्योकि विगत 1 माह के कांग्रेस शासन में जो बढ़चढ कर उपलब्धियां गिनायी जा रही है उनमें प्रमुख किसानो की कर्जमाफी एवं आदिवासियो की उद्योग प्रारंभ न होने के कारण बेकार पड़ी सभी भूमि उन्हे वापस करने सहित अन्य घोषणा पत्र के कुछ वादे पूरे किये गये है उनकी सार्वजनिक घोषणा लागू किये जाने के पूर्व किसी प्रकार की समितियो के माध्यम से कोई सुझाव आमंत्रित नही किये गये। वही प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने के पूर्व समितिया गठित करने का सरकारी निर्णय समझ से परे है।
रिजवी ने कहा है कि समितियो के द्वारा सुझाव आमंत्रित करने का निर्णय बेतुका है। यदि सरकार की नियत वादानुसार शराबबंदी लागू करने की है तो उसमे देर करने का कोई औचित्य नही है, क्योकि समितियो में सरकार द्वारा ही सदस्य नामजद किये जायेगें तथा समितियो द्वारा वही निर्णय लिया जाएगा जो सरकार चाहती है। समितियो का गठन किये जाने में केवल समय बर्बाद होगा इसलिए प्रदेश की जनता इस विषय पर सरकार के तत्काल निर्णय के इंतजार में है। अर्थात्् सरकार क्या चाहती है यह पहले तय किया जाना वक्त का तकाजा है। प्रदेश सरकार शराबबंदी का चुनावी वादा आसन्न्् लोकसभा चुनाव के पूर्व लागू करे अन्यथा जनहित में जकांछ आंदोलन करने बाध्य होगी। प्रदेश सरकार आगामी गणतंत्र दिवस पर पूर्ण शराबबंदी लागू करने की घोषणा करें। किसी प्रकार का बहाना प्रदेश की जनता खासतौर से भुक्त भोगी पीड़ित एवं त्रस्त महिलाये बर्दाश्त नही करेगी।