कोरोना मामले में भाजपा कर रही है नकारात्मक राजनीति – मोहन मरकाम
छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ राजनीति उचित नहीं, झूठ और अफवाहों की राजनीति न करें
रायपुर — कोरोना महामारी के मामले में छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं द्वारा लगातार की जा रही बयानबाजी पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कोरोना मामले में सारे मतभेद भुलाकर राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभा रही है । कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस स्वयं हर कदम पर देश की सरकार के साथ खड़ी रही है। इसके ठीक विपरीत छत्तीसगढ़ में चाहे सहायता राशि देने का मामला हो या करोना टेस्टिंग किट या पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट किट का सवाल या कोरोना लैब की स्वीकृति हो, लगातार भाजपा नेताओं ने कोरोना मामले में नकारात्मक राजनीति करते हुये गैरजिम्मेदाराना बात की है। केंद्र सरकार के द्वारा धान का 2500 ₹ प्रति क्विंटल दाम देने के मामले की ही तरह करोना मामले में भी भाजपा नेता लगातार छत्तीसगढ़ के हितों के खिलाफ ही काम कर रहे है।
कोरोना महामारी के बाद मोदी जी द्वारा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाया गया और 24 मार्च से लाक डाउन किया गया। देश की जीवन रेखा रेलों के बंद हो जाने के कारण पूरे देश में करोड़ों मजदूर फसे पड़े हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के लोग बड़ी संख्या में कमाने खाने जम्मू कश्मीर से लेकर देश के दक्षिणी राज्यों तक गये हुए हैं और वहां फंस गए हैं। छत्तीसगढ़ के यह मजदूर वहां खाने रहने और चिकित्सा सुविधाओं के संकट का सामना कर रहे हैं। इसी तरह देश के अन्य प्रांतों के रहने वाले अनेक लोग गरीब मजदूर छत्तीसगढ़ में आकर इन्हीं कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने ऐसे सभी मजदूर भाइयों को और जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष के दरवाजे खोल दिए है। 1 लाख 62 हजार 649 मजदूरों को छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद पहुंचाई गई है। सभी जिलों में और प्रदेश में हेल्प डेस्क बनाई गई है और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी रात दिन मेहनत करके सब को मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं। ऐसे समय में मुख्यमंत्री सहायता कोष में खुलकर योगदान देने के बजाय प्रदेश के भाजपा के सांसदों ने पीएम केयर फंड में राशि देना बेहतर समझा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भाजपा के इन सांसदों को वोट छत्तीसगढ़ के मतदाताओं ने दिया लेकिन छत्तीसगढ़ के मजदूरों की मदद करने वाले मुख्यमंत्री सहायता कोष में सांसदों द्वारा राशि नहीं दिया जाना बहुत ही दुखद और चिंता का विषय है। पीएमकेयर फंड में तो बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने दान दिया उद्योगों से पैसा लेने के लिए पीएम केयर फंड में दिए गए योगदान को सीएसआर मानकर उद्योगों को बड़ी छूट दी गई है जिसके परिणाम स्वरूप उसमें बहुत राशि आ रही है। राज्यों के मुख्यमंत्री सहायता कोष को इस सुविधा से वंचित रखने का निर्णय केंद्र सरकार ने लिया ऐसे समय छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि न दिए जाने के निर्णय से छत्तीसगढ़ के सभी लोगों को दुख पहुंचा है। कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा की छत्तीसगढ़ ने भाजपा को 9 सांसद दिए जिसमें से एक केंद्रीय मंत्री के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। दुख की बात है एक केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह और भाजपा के सांसद सभी मिलकर कोरोना संकट के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता के लिए पाई भर भी राहत पैकेज नहीं ला पाए। इससे स्पष्ट हो जाता है कि भाजपा के सांसद और भाजपा के नेता छत्तीसगढ़ वासियों के जनप्रतिनिधि होने का तमगा तो लगाते हैं लेकिन जब जब छत्तीसगढ़ के हित की बात आती है, चाहे वह किसानों के धान खरीदी का मसला हो चाहे वह कोरोना संकट के दौरान राहत पैकेज देना हो या केंद्र सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ को मिलने वाले योजनाओं की राशि को रोकने का मामला हो, हमेशा भाजपा सांसदों की भूमिका नकारात्मक और छत्तीसगढ़ के किसान मजदूर के खिलाफ ही रही है। भाजपा सांसदों की तनिक भी हिम्मत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सामने खड़े होकर दमदारी से छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की बात को रख सकें, यह बड़ा दुर्भाग्य है। संकटकालीन दौर में भी भाजपा सांसदों का रवैया नकारात्मक और छत्तीसगढ़ विरोधी रहा है। छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के विरोध में खड़े इन भाजपा सांसदों को सबक जरूर सिखायेगी।