रमन सिंह अपने 15 साल याद करें — शैलेश नितिन
पत्रकारों की सुरक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर बोलने का उन्हें कोई अधिकार नहीं
रायपुर , 23 अप्रैल 2020 — अर्णव पर स्याही फेंके जाने की कथित घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह के 15 साल में पत्रकारों के साथ जो बर्ताव हुआ, उन्हें उसको याद करना चाहिए। एक एक नकारात्मक रिपोर्ट पर न केवल पत्रकारों और संपादकों का तबादला करवाया गया, बल्कि उनको नौकरी छोड़ने पर मजबूर भी किया गया। पत्रकारों की पत्नी और परिजनों की नौकरी छीनी गई। पत्रकारों को तरह तरह की धमकियां दी गई और खासकर नक्सली इलाकों में। इसके सबूत भी मौजूद हैं कि रमन सिंह सरकार में पत्रकारों को सरकारी अधिकारियों ने हत्या तक करने की धमकियां दी। 15 साल तक बस्तर में पत्रकारों के काम करने की जो स्थिति रही और उसको लेकर जो एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की रिपोर्ट है, रमन सिंह जी यह बयान जारी करने के पहले उसे पढ़ लेते तो ज्यादा बेहतर होता। इस रिपोर्ट की पूरी दुनिया में चर्चा हुई और रमन सिंह जी इस रिपोर्ट से तिलमिला गए थे। रमन सिंह सरकार में पत्रकारों पर जो दबाव बनाया गया और पत्रकारों को जिन परिस्थितियों में काम करना पड़ा, उस पर भी रमन सिंह को एक नजर डालनी चाहिये । रमन सिंह के 15 वर्ष के शासनकाल में पत्रकारों को जिस तरीके से धमकियां दी गई, जान से मारने और झूठे मामलों में फंसाने की साजिशें की गयीं, अभी इसे छत्तीसगढ़ भूला नहीं है।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि आज रमन सिंह को पत्रकारों की सुरक्षा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र की याद आ रही है। जब कलबुर्गी की हत्या हुई थी, जब गौरी लंकेश की हत्या हुई थी, तब प्रधानमंत्री मोदी और रमन सिंह जैसे नेता उस पर चुप्पी साधे रहे और आज अर्णव पर स्याही फेंके जाने की कथित घटना से रमन सिंह को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की याद आ रही है। मोदी रमन की पोल खोलने वाले कार्यक्रम के प्रसारित होने के बाद एबीपी न्यूज़ चैनल के साथ क्या किया गया, किस तरीके से एबीपी न्यूज़ के सिग्नल को डिस्टर्ब किया गया और पुण्य प्रसून बाजपाई जैसे वरिष्ठ पत्रकार को नौकरी छोड़ने के लिए किन परिस्थितियों में मजबूर होना पड़ा, इसे पूरा देश जानता और समझता है।
अर्णव गोस्वामी पर दो व्यक्तियों द्वारा कथित रूप से स्याही फेंके जाने पर डॉ. रमन सिंह द्वारा दिए गए बयान पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि पूरा देश और छत्तीसगढ़ इस बात को बखूबी समझ रहा है कि पहले राहुल जी की 16 अप्रैल को हुई पत्रकार वार्ता को लेकर झूठे तथ्य प्रसारित करके और फिर सोनिया जी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करके अर्णव गोस्वामी केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कोरोना से निपटने में हुई लापरवाही और आपराधिक भूल से ध्यान हटाने के एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं। जैसे-जैसे भारत में कोरोना प्रभावितों की संख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे ” नमस्ते ट्रंप ” और मध्य प्रदेश में “सत्तालोलुपता” में किए गए “पापों “से छुटकारा पाने के लिए और केंद्र की मोदी सरकार के द्वारा देश के सामने उपजी विकट परिस्थितियों से ध्यान हटाने के लिए अर्णव और अर्णव के आका अपने पुराने काम में लग गए हैं।आजादी की लड़ाई के दिनों से नफरत फैलाकर यह सब यही करते और भारत की जनता को धोखा देते आ रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अर्णव पर स्याही फेंकने को लोकतंत्र के लिए शर्मनाक बताने वाले रमन सिंह बताएं कि 25 मई 2013 को झीरम में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हुआ हमला क्या था? अर्णव पर 2 लोगों द्वारा स्याही फेंकने से भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह इतने विचलित और उद्वेलित हो गए कि इससे लोकतंत्र को हुये भारी नुकसान पर प्रवचन देने लगे। उन्होंने कहा कि रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता के माध्यम से अंतागढ़ में लोकतंत्र को पहुंचाए गए नुकसान पर तो रमनसिंह जी कभी कुछ नहीं बोले, कभी कुछ नहीं सोचा, कभी कुछ नहीं किए।