मोदी सरकार द्वारा बेफिजूल और गैरजरूरी खर्चों में कटौती करने के बजाए सरकारी कर्मचारियों सैनिकों और पेंशनरों की राशि में कटौती गलत – शैलेश नितिन
करोना संकट के चलते कांग्रेस ने केंद्र सरकार से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को खारिज करने की मांग की ।
सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रमन सरकार द्वारा बनाये गये स्काईवॉक की ही तरह जनता के पैसों की फिजूलखर्ची ही है
करोना से जंग लड़ रहे अग्रिम पंक्ति के सिपाहियों की जेब से मोदी सरकार ने 38000 करोड रुपए काटे
रायपुर , 25 अप्रेल 2020 — कांग्रेस ने भाजपा सरकार के कर्मचारी विरोधी और पेंशन धारी विरोधी रवैया की कड़ी निंदा की है । प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है मोदी सरकार द्वारा करोना से निपटने के नाम पर 113 लाख सैनिकों,सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाने का कांग्रेस विरोध करती है। यही लोग तो करोना से जंग में अग्रिम पंक्ति के सिपाही की भूमिका निभा रहे हैं और उनकी जेब से 38000 करोड रुपए सालाना काटकर मोदी सरकार क्या साबित करना चाहती है ? मोदी सरकार अपने बेफिजूल और गैरजरूरी खर्चों में कटौती करने के बजाए सरकारी कर्मचारियों सैनिकों और पेंशनरों की राशि में कटौती कर रही है ।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार को 20000 करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट 110000 करोड़ के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट और ढाई लाख करोड़ के अपने सरकारी खर्च में कटौती करके यह पैसा देश के गरीबों मजदूरों जरूरतमंद लोगों छोटे व्यापारियों को देना चाहिए। आज देश के गरीब मध्यमवर्गीय लोग सरकारी कर्मचारी देश के सिपाही सैनिक करोना की महामारी में आर्थिक व्यक्तिगत और कई तरह से व्यवस्था गत संकटों से जूझ रहे हैं और ऐसे समय उनकी मदद करने के बजाय उनके जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय मोदी सरकार ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है।
कांग्रेश संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि करोना संकट के चलते मोदी सरकार को 20,000 करोड़ का सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और 110000 करोड़ का बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट खारिज करना चाहिये। लेकिन इसके ठीक उलट प्रधानमंत्री तो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की बैठक ले रहे हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि 30 लाख 42 हजार करोड़ का केंद्र सरकार के बजट के 23 मार्च 2020 को पारित किए जाने के 1 महीने के भीतर 23 अप्रेल को वित्त मंत्रालय द्वारा पिछली तारीख से अर्थात 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक का महंगाई भत्ता महंगाई राहत और सभी पुरानी और भविष्य की किस्तों की देय राशि काट दी गई है। 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक कोई भी बकाया या पुरानी देय किस्तें किसी भी कर्मचारी या पेंशनर को नहीं दी जाएगी।