अमेरिका की कंपनी टीपीजी (TPG) और डॉ संदीप दवे द्वारा संचालित रामकृष्ण केयर अस्पताल को जारी हुआ नोटिस…. क्या है मामला पढ़े पूरी खबर।
रामकृष्ण केयर अस्पताल को अनिमितताओं के चलते लगातार नोटिसें हो रही है जारी…
कल स्वास्थ्य विभाग ने तो आज निगम ने बोला धावा।
जवाब तलब के लिए 7 दिन का दिया गया समय
रायपुर, 12 मई 2020 — प्रदेश के सबसे बड़े निजी अस्पताल रामकृष्ण केयर को एक और नोटिस जारी किया गया है।
कल ही मरीज से दबाव पूर्वक पैसा वसूलना और स्मार्ट कार्ड से इलाज न करने के मामले में आयुषमान स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस जारी किया था । आज एक मामले में रामकृष्ण केयर को फिर नोटिस जारी हुआ है ।बताया गया कि नक्शे के विपरीत निर्माण कार्य पर नगर निगम ने नोटिस जारी किया है। इससे पहले अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य विभाग ने भी सरकारी योजना का लाभ नहीं देने और मरीजों से जबरिया वसूली के मामले में जवाब तलब किया है।
नगर निगम के जोन कमिश्नर विनय पाण्डेय ने ‘छत्तीसगढ़’ से चर्चा में कहा कि रामकृष्ण केयर अस्पताल का पांचवे माले का काम चल रहा है। नक्शे के विपरीत जाकर निर्माण कार्य की शिकायत आई है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। अस्पताल प्रबंधन को जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। दूसरी तरफ, अस्पताल के संचालक डॉ. संदीप दवे से नोटिस को लेकर मोबाइल पर चर्चा की कोशिश की गई, किन्तु उनका जवाब नहीं मिला।
बताया गया कि अस्पताल के पुराने बिल्डिंग में चौथे माले के निर्माण की अनुमति ली गई थी। यहां लैब का निर्माण हुआ है, लेकिन इसके आगे जाकर भी कई और निर्माण हो गए। इन सबको लेकर नगर निगम ने अस्पताल प्रबंधन पर शिकंजा कसा है। दूसरी तरफ, डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ देने से इंकार करने पर भी स्वास्थ्य विभाग ने नोटिस थमाया है।
राज्य सरकार के पास कई शिकायतें आई हैं, जिसमें मरीजों से जबरिया वसूली की गई है। खास बात यह है कि इनमें से कई गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले मरीज हैं। कुछ मरीजों से एडवांस में राशि जमा कराई गई और बकाया राशि न देने पर डिस्चार्ज करने से मना कर दिया। अस्पताल का प्रबंधन डॉ. संदीप दवे और अमरीकी कंपनी टीपीजी के हाथों में हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ शिकायतों को गंभीरता से लिया है और बीपीएल मरीजों से वसूली की गई राशि को लेकर तमाम जानकारियां मांगी है।
नोटिस में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि पहले भी योजना से संबंधित मरीजों से अस्पताल प्रबंधन द्वारा दबावपूर्वक नगद राशि वसूल की गई है। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य अफसरों ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन का जवाब आने के बाद जांच कर कार्रवाई की जाएगी।