रमन और भाजपा मजदूरों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें – सुशील आनंद
प्रवासी मजदूर अन्तर्राज्यीय मसला तीन महीने में मोदी सरकार एक नीति नही बना पाई
बड़ी संख्या में दूसरे राज्यो के मजदूर प्रदेश से पैदल गुजर रहे रमन सिंह सहित कोई भाजपा नेता मदद को सामने नही आया
रायपुर /19 मई 2020 — पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा प्रवासी मजदूरों के सम्बंध में की जा रही बयानबाजी को कांग्रेस ने घड़ियाली आंसू बताया है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता और संचार विभाग के सदस्य सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह को मजदूरों की इतनी ही फिक्र होती तो वे कोरी बयानबाजी करने और बार्डर में जा कर फोटो खिंचवाने के बजाय इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी से बात करते रमन सिंह मजदूरों के नाम पर केवल राजनीति करना चाह रहे हैं। प्रवासी मजदूरों की समस्या अन्तर्राज्यीय मसला है। इनकी वापसी के बारे में केंद्र सरकार को एक राष्ट्रीय नीति बनानी थी दुर्भाग्य से केंद्र की भाजपा सरकार ने तीन महीने में भी मजदूरों की वापसी के लिये कोई नीति नही बनाया। मज़दूर और अलग अलग राज्य प्रवासी मजदूरों को लेकर अपने स्तर पर संघर्ष कर रहे ।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भौगोलिक रूप से 6 राज्यो से जुड़े होने के कारण राज्य से बड़ी संख्या में मजदूर पैदल गुजर रहे है। कांग्रेस पार्टी और समाजसेवी संगठन, तथा राज्य सरकार उनकी मदद कर रही एक भी भाजपा नेता कार्यकर्ता मदद को सामने नही आया । छत्तीसगढ़ अकेला राज्य है जहाँ दूसरे राज्यो से पैदल चल कर छत्तीसगढ़ होकर अपने गृह राज्य जाने वाले मजदूरों के खाने पीने से लेकर सीमा तक छोड़ने की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं संवेदनशीलतापूर्वक मजदूरों की परेशानी दूर करने में लगे हैं।
राज्य से बाहर फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों को वापस लाने राज्य सरकार 45 ट्रेनों को चलवाने की स्वीकृति ले लिया है। अभी तक 15 ट्रेनों के माध्यम से 22 हजार श्रमिको की राज्य में वापसी हो चुकी है। दूसरे चरण में 34,000 श्रमिकों की वापसी के लिए 2 करोड़ रु का भुगतान राज्य की कांग्रेस सरकार ने रेलवे को कर दिया है। कुल ढाई लाख श्रमिको को वापस लाने की योजना है । यही नही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर दूसरे राज्य के 30,000 हजार श्रमिको को उनके गृह राज्य पहुचाया गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष है यदि वास्तव में वे देश भर मे भटक रहे मजदूरों का भला चाहते है तो केंद्र पर मजदूरों को वापस लाने रेल सेवा बहाल करने दबाव डालते । मजदूरों को वापस लाने रेल शुरू करने के लिए राज्यो की सहमति की क्या जरूरत है ?
रेलवे की ट्रेने खाली खड़ी है ड्राइवर और अन्य कर्मचारियों को रेलवे को वैसे भी बैठा कर तनख्वाह देना ही है फिर मजदूरों को वापस लाने ट्रेन चलाने में मोदी सरकार को क्या परेशानी है ?
कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा का चरित्र ही मजदूर ,गरीब विरोधी है । भाजपा की राज्य सरकारें अपने राज्यो में मजदूरों के प्रवेश में परेशानियां पैदा कर रही हैं । यूपी की योगी सरकार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के द्वारा मजदूरों की दिल्ली से वापसी के लिए 1000 बसों को भेजने प्रस्ताव में टालमटोल का रवैय्या अपनाया गया है। कर्नाटक, गुजरात की भाजपा सरकारे मजदूरों की वापसी की अनुमति में सहयोग नहीं कर रही हैं।