अवैध निर्माण पर अमेरिका की कंपनी टीपीजी और रामकृष्ण हॉस्पिटल ने निगम के नोटिस के जवाव में दी राष्ट्रहित की दुहाई ।
निगम को दिये जवाब में बोला झूठ , बड़े अवैध निर्माण को छोटा सा बताया
कोरोना महामारी के समय लॉग डाउन में भी निरंतर अवैध निर्माण करवाया गया
रायपुर, 22 मई 2020 — अवैध निर्माण पर अमेरिका की कंपनी टीपीजी और रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पर निगम प्रशासन का शिकंजा कसा है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने सफाई दी कि कोरोना के इलाज के लिए राष्ट्रहित में अतिरिक्त निर्माण किया गया है। प्रबंधन ने कोरोना संकट खत्म होते राजीनामा की पेशकश की है। इससे परे स्वास्थ्य विभाग ने भी मरीजों से बेजा वसूली और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं देने के प्रकरण की पड़ताल कर रहा है।और स्वास्थ्य विभाग से उक्त कोरोना मरीजो के लिये किये जा रहे निर्माण की भी आधिकारिक रूप से अनुमति नही ली गयी है।कोरोना वायरस का ईलाज राज्य में एम्स अस्पताल और रायपुर स्थित माना के सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है और किसी भी निजी अस्पताल को कोरोना बीमारी के ईलाज हेतु अभी स्वास्थ विभाग ने अनुमति प्रदान नही की है।बावजूद अमेरिका की कंपनी टीपीजी और रामकृष्ण केयर अस्पताल द्वारा अवैध निर्माण कार्य करवाया जा रहा था।
ज्ञात हो कि अमेरिका की कंपनी टीपीजी और डॉ संदीप दवे द्वारा संचालित रामकृष्ण केयर अस्पताल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा धोषित डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना को अपने अस्पताल में लागू करने से इनकार किया है इस पर स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने कहा कि रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल प्रबंधन का अब तक जवाब नहीं आया है। नोटिस का जवाब मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग सरगुजा और अन्य जगहों के बीपीएल मरीजों से उपचार के लिए पैसा जमा कराने और खूबचंद बघेल योजना का लाभ देने से इंकार करने के मामले की पड़ताल कर रहा है। एक दो प्रकरणों में बिल का भुगतान नहीं करने पर मरीज को डिस्चार्ज नहीं करने की शिकायत भी हुई है।
रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल का प्रबंधन अमरीकी कंपनी टीपीजी और डॉ. संदीप दवे के हाथों में हैं। मरीजों से बेजा वसूली के साथ-साथ कोरोना बीमारी के नाम पर अवैध निर्माण की एक और शिकायत की नगर निगम जांच कर रहा है। बिना अनुमति के हॉस्पिटल के पांचवें माले के निर्माण पर निगम प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। इस पर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने अपना पक्ष रखा है।
नोटिस के जवाब में हॉस्पिटल डायरेक्टर डॉ. दवे ने अपने जवाब में बताया कि हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा बाहरी मरम्मत के कारण बाहरी दीवारों का कुछ हिस्सा खराब हो गया है। जिससे उसका मरम्मत कार्य हो रहा है। यह अवैध निर्माण की श्रेणी में नहीं आता है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के पांचवें माले में एक छोटा अस्थाई शेड का कार्य हो रहा है, जिसे कभी भी हटाया या तोड़ा जा सकता है। यह निर्माण कोरोना संकट को देखते हुए मरीजों की संख्या बढऩे की प्रत्याशा में शीघ्रतापूर्वक करवाया गया है, ताकि आपातकाल में अतिरिक्त भर्ती क्षमता बनी रहे, जो कि राष्ट्रहित में की गई है।
हॉस्पिटल डायरेक्टर ने यह भी कहा कि फिलहाल निर्माण कार्य को रोक दिया गया। बावजूद इसके नगर निगम को राष्ट्रहित में अतिरिक्त क्षमता बढ़ाने पर आपत्ति है, तो कोरोना संकट खत्म होते ही जरूरत पडऩे पर अस्पताल राजीनामा करने के लिए तैयार है। डॉ. दवे ने निर्माण कार्य फिर से शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह किया है। जबकि किसी भी निजी अस्पताल में कोरोना के मरीजों की ईलाज की अनुमति राज्य सरकार द्वारा प्रदान नही की गयी है।