कांग्रेस और भाजपा के विकास में बुनियादी फर्क , कांग्रेस का विकास जनोन्मुखी भाजपा का विकास कमीशनखोरी वाला — सुशील आनंद
कांग्रेस पर झूठे आरोप लगाकर भाजपा नक्सलवाद के विस्तार के अपराध से बच नहीं सकती – कांग्रेस
रायपुर — पूर्व मंत्री और भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल के द्वारा पत्रकारवार्ता लेकर कांग्रेस सरकार पर लगाये गये आरोपों को कांग्रेस ने सिरे से खारिज किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा है कि कांग्रेस को नक्सलवादियों से सांठगांठ के भाजपा के आरोप बेहद आपत्तिजनक और गैर जिम्मेदाराना है। इस प्रकार के झूठे आरोप लगाकर भाजपा राज्य में उसकी सरकार के समय नक्सलवाद के विस्तार और फलने फूलने देने के अपराध से बच नहीं सकती। राज्य के लोगों ने देखा है और भोगा है कैसे भाजपा सरकार के 15 वर्षो में नक्सलवाद सूदूर बस्तर के 3 ब्लाकों से फैलकर 14 जिलों तक पहुंच गया, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह का गृह जिला कवर्धा भी नक्सलवादियों की चपेट में आ गया। नक्सलवादी भाजपा सरकार की अकर्मण्यता के कारण राजधानी रायपुर तक पहुंच गये। कांग्रेस ने तो नक्सल आतंक के दंश को झेला है। भाजपा की तत्कालीन सरकार की लापरवाही के कारण कांग्रेस नेताओं की एक पूरी पीढ़ी जीरम घाटी में नक्सल हिंसा का शिकार हो गयी। 15 सालों तक सरकार में रहने के दौरान भाजपा सरकार नक्सल नियंत्रण के लिये कोई भी राजनैतिक, आर्थिक, सामरिक और सामाजिक नीति नहीं बना पाई, भाजपा की लापरवाही का नतीजा आज पूरा प्रदेश भोग रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने विकास कार्य रूकने के बृजमोहन अग्रवाल के आरोपों का जवाब देते हुये कहा कि भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी की नीयत से फर्जी और गैर जरूरी निर्माण कार्यो को बढ़ावा देने वाले कांग्रेस को विकास की परिभाषा न समझायें। भाजपा की विकास की परिभाषा और कांग्रेस की विकास की परिभाषा में बुनियादी फर्क है। कांग्रेस के विकास की सोच जनोन्मुखी है भाजपा के विकास के केन्द्र में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार है। प्रदेश भर में सैकड़ों करोड़ रू. खर्च कर बिना जरूरत और योजना के पर्यटन मंडल के जगह-जगह मोटल बनाकर जनता की गाढ़ी कमाई के पैसे खंडहरों में तब्दील करना भाजपा की विध्वंसक विकास का ही परिणाम है। झलकी में किसानों की जमीने कब्जा कर भव्य फार्म हाउस बनाना भाजपा की विकास के पैमाने में आता होगा। नई राजधानी में बिना बसाहट और नियोजन के हजारों करोड़ रू. खर्च करना भाजपा के विकास की प्राथमिकता में है। कांग्रेस के विकास की सोच और विकास की परिभाषा में प्रदेश के 2.50 करोड़ आबादी की आर्थिक और सामाजिक उन्नति है। यही कारण है कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार ने ग्रामीण और कृषि आधारित विकास को प्राथमिकता दी है। कोण्डागांव में मक्का प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना कांग्रेस के विकास की सोच है। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के माध्यम से पहले चरण में ही 2 लाख युवाओं को रोजगार देना कांग्रेस के विकास की प्राथमिकता है। राज्य के अन्नदाताओं को उनकी उपज की पूरी कीमत दिलाना विकास का पहला अध्याय है। इसीलिये छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 2500 रू. में धान खरीदा ताकि राज्य के सबसे बड़े वर्ग के विकास का रास्ता खुल सके। भाजपा सरकार के राज में वर्षो से खाली बड़े शहरों शिक्षकों के पद भर्ती करना कांग्रेस के विकास की प्राथमिकता है ताकि प्रदेश की आने वाली पीढ़ी पढ़ लिख कर अपना विकास कर सके लेकिन भाजपा के भ्रष्ट विकास की सोच की प्राथमिकता में यह गैर जरूरी लगेगा।