क्वारंटाइन मजदूर को घर भेजने के बाद रिपोर्ट पॉजिटिव आना मुख्यमंत्री की पाती और विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह — कौशिक

0

 

मुख्यमंत्री की पाती की नहीं धरातल पर व्यवस्था सुधारने की आवश्यकता है

क्वारंटाइन अवधि पूरा कर लौटे लोगों की दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आना सरकार की लापरवाही, जनता के लिए घातक

 

 

रायपुर — क्वारंटाइन सेंटर की बदहाली बदइंतजामी और क्वारंटाइन के बाद घर पहुंच रहे मजदूरों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने एवं प्रदेश में बढ़ती कोरोना मरीजों के ग्राफ़ पर चिंता जाहिर करते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लाखों रुपये खर्च कर मुख्यमंत्री की पाती अखबारों में छपवा कर प्रदेश के भाइयों बहनों को संदेश देने का क्या फायदा जब धरातल पर ही गंभीरता नहीं दिखती। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस संकट की घड़ी में धरातल पर काम करने क्वारंटाइन सेंटर की बदहाल व्यवस्था दूर करने और क्वारंटाइन किए गए मजदूरों की रिपोर्ट आने से पूर्व मजदूरों को घर नहीं भेजे जाने का कड़ा निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि बीते कुछ दिनों से लगातार क्वारंटाइन अवधि पूरा कर घर लौटे मजदूरों की दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आने की खबरें आ रही है। बीते दिनों जांजगीर चंपा में घर लौट चूंके कुछ लोगों की रिपोर्ट 5 दिन बाद पॉजिटिव आयी वैसे ही कोरबा से घर लौटे लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी यह न सिर्फ गंभीर और चिंता का विषय है अपितु प्रदेश को खतरे में डालने वाला विषय है। इन मामलों से क्वारंटाइन सेंटर्स की व्यवस्था और सरकार की गंभीरता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की पाती लिखने से प्रदेश के भाइयों और बहनों में विश्वास नहीं जागता। प्रदेश के भाइयों और बहनों की चिंता करनी है तो धरातल पर व्यवस्था सुधारनी होगी। उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर्स में बीते दिनों हुई सर्पदंश, आत्महत्या और स्वास्थ्य सुविधाओं के आभाव में हुई प्रदेश के भाइयों बहनों की मौत के लिए भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में तेजी से बढ़ते कोरोना मरीजों की संख्या और प्रदेश के 22 जिलों के कोरोना संक्रमण की जद में आने पर चिंता व्यक्त की है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश में ठीक होने वाले मरीजों की दर में गिरावट पर भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि क्वारंटाइन सेंटर्स में बदइंतजामी,क्वारंटाइन सेंटर्स में अव्यवस्था के चलते मौतें, क्वारंटाइन मजदूरों के घर वापसी, घर वापसी पर रिपोर्ट का पॉजिटिव आना, सहित रिपोर्ट का विलंब से आना बेहद धीमी जांच की गति आदि जो सरकार की लापरवाहियां उजागर हो रही है यह प्रदेश के हित में बिल्कुल भी नहीं है। सरकार को ऐसी व्यवस्था में सुधार करने व प्रदेश के भाइयों और बहनों की और अधिक चिंता करने और नीतिगत निर्णय करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *