रमेश वर्ल्यानी ने कांग्रेस घोषणा पत्र के चेयरमैन जयराम रमेश को जीएसटी संबंधी सुझाव सौंपे

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रायपुर–  छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री, प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी ने नई दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र कमेटी के चेयर मैन जयराम रमेश से उनके निवास पर भेंट की। उन्होने जयराम रमेश को जीएसटी पर अपने विचारों से अवगत कराया और इस बावत् अपने सुझाव लिखित रूप में उनके सामने प्रस्तुत किए।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जब रायपुर प्रवास पर आए थे तब माना हवाई अड्डे पर उनका कांग्रेस के पूर्व विधायक रमेश वर्ल्यानी से जीएसटी पर संवाद हुआ था और उन्होने श्री वर्ल्यानी को निर्देशित किया था कि वे दिल्ली जाकर जीएसटी पर अपने विचारों से घोषणा पत्र कमेटी के चेयरमैन जयराम रमेश को अवगत कराएं।

श्री वर्ल्यानी ने जयराम रमेश को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी और जीएसटी लागू करने के फैसले ने देश की अर्थ व्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। उन्होने कहा कि जीएसटी को लेकर प्रधानमंत्री ने देश को नया नारा दिया था ‘वन नेशन वन टैक्स’ का लेकिन यह भी जुमला सिद्ध हुआ और जीएसटी में एक टैक्स के बजाए टैक्स स्लैब की पांच दरें लागू कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीएसटी कानून को बिना सोचे समझे आधी अधूरी तैयारी के साथ लागू करके देश के उद्योग व्यापार को चौपट कर दिया।

हिंदुस्तान के अब तक के इतिहास में जीएसटी एक मात्र ऐसा कानून है जिसके बनने के ढेड़ साल के अंदर 700 से अधिक बार संसोधन किया जा चुका है और यह सिलसिला जारी है। उसका परिणाम यह रहा कि जीएसटी को न अफसर समझ पा रहे हैं, न व्यापारी समझ पा रहे हैं। जीएसटी के प्रावधान इतने जटिल हैं कि व्यापारी अपना काम छोड़कर इसके कंप्लान्स के लिए सीए और वकीलों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

उन्होने यह भी बताया कि जीएसटी पोर्टल काम नहीं कर रहा हैं, व्यापारी समय पर रिर्टन दाखिल नहीं कर पाते हैं, सरकार उस विलंब के लिए व्यापारियों पर पैनाल्टी आरोपित कर देती है, यानि गलती करे मोदी सरकार और पेनाल्टी भरें व्यापारी, ये सिस्टम अभी जीएसटी का है। विलंब के कंप्लान्स पर व्यापारियों को टैक्स के ऊपर ब्याज भी देना पड़ता है। लेकिन उन व्यापारियों का यदि टेक्स इनपुट का क्रेडिट उनके खाते में जमा है उसकी छूट न दी जाकर, जो ग्रास टेक्स पेयबल पर ब्याज लिया जाता है जो कि सरासर अन्याय है।

जयराम रमेश को उन्होने बताया कि ट्रान वन के सिस्टम को भी फिर से रिओपन किया जाना जरूरी है। क्योकि पोर्टल की गड़बड़ी के चलते अनेक व्यापारियों व उद्योगपतियों के इनपुट टैक्ट क्रेडिट के क्लेम अस्वीकार किए गए हैं। वहीं यदि कोई व्यापारी माल बेचता है तो वह प्रथम बिंदु पर ही क्रेता व्यापारी से टैक्स वसूल कर लेता है लेकिन यदि विक्रेता व्यापारी टैक्स का भुगतान नहीं करता है और जीएसटी पोर्टल पर नहीं दिखता है तो उसकी जवाबदेही भी क्रेता व्यापारी पर ही है। यह इस कानून में बहुत विचित्र बात है कि कर का भुगतान विक्रेता न करें और उसकी सजा क्रेता को दी जाए? यह प्रावधान समाप्त होना चाहिए।

इसके अलावा उन्होने जयराम रमेश से निवेदन किया कि कांग्रेस पार्टी को जीएसटी से जुड़े इन बिंदुओं पर विशेष ध्यान देते हुए देश के व्यापारियों और उद्योगपतियों के समक्ष यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने के बाद तत्काल जीएसटी के पेनाल्टीस को माफ करेगी। ब्याज नेट लायवल्टी पर रहेगा और कांग्रेस पार्टी की सरकार एक माह के अंदर जीएसटी को सरलीकृत करेगी और पारदर्शी बनाएगी ताकि व्यापारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

सुझाव सौंपे जाने के बाद जयराम रमेश ने रमेश वर्ल्यानी को आश्वस्त किया कि उनके सुझाव पर कांग्रेस पार्टी गंभीरता पूर्वक विचार करेगी और इन सारी बातों को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत कराया जाएगा। यह जानकारी रमेश वर्ल्यानी ने दिल्ली से लौटकर आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

 

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