सामूहिक बाड़ी और मिश्रित फलोधान विकास के लिए 75 हेक्टेयर भूमि में अधोसंरचना निर्माण… समूह की महिलाएं करेंगी फल और सब्जी की खेती ।
रायपुर, 12 जून 2020 — छत्तीसगढ़ सरकार स्व-सहायता समूह को बढ़ावा देने तथा प्रदेश की विकास प्रकिया मे महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। इसी क्रम में जिला प्रशासन बिलासपुर विकासखंड बिल्हा के ग्राम सेलर में लगभग 75 हेक्टेयर भूमि में उद्यानिकी विभाग द्वारा सामूहिक बाड़ी बनाने के लिए डी.एम.एफ. और मनरेगा से कार्य कराए जा रहे है। सामूहिक बाड़ी के कार्य स्व-सहायता समूह की महिलाएं करंेगी। जहां स्व-सहायता समूह की महिलाएं फल, सब्जी और भाजी उगाएंगी। उनके द्वारा उत्पादित सब्जी-भाजी का स्कूलों के मध्यान्ह भोजन मे उपयोग किया जाएगा।
सामूहिक बाड़ी विकास कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने के लिए जिले के राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 10 समूहों का चयन किया गया है। प्रत्येक समूह को दो-दो हेक्टेयर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। जिसमें वे फल एवं साग-सब्जी का उत्पादन का कार्य करंेगी। मनरेगा के तहत इन समूहों के लिए भूमि तैयार की गई है। जिसे ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा अधोसंरचना निर्माण किया जा रहा है। जिसमें बाड़ी फेंसिग, ट्यूबवेल निर्माण, छोटे-छोटे गोदाम, डबरी निर्माण और छोटे-छोटे वर्क शेड बनाये जा रहे हैं, जहां उत्पादित फल व सब्जियों को रखा जाएगा। इस कार्य के लिए 99 लाख रुपए स्वीकृत किये गये हैं।
उप-संचालक उद्यानिकी ने बताया कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत बाड़ी में मिश्रित फलों का उद्यान और कृषि वानिकी पौधरोपण कराया जाएगा। बाड़ी में आम, अमरूद, नींबू, सीताफल एवं वानिकी पौधरोपण, आलू, जिमीकंद, शकरकंद जैसे कंदवर्गीय फसल सब्जियां, मेथी, मिर्च, धनिया, मसाले, भिंडी, बैंगन, टमाटर उगाये जायेंगे। साथ ही कटहल और कृषि वानिकी पौधरोपण किया जाएगा। बाड़ी में एग्रो फारेस्ट्री योजनांतर्गत 25 हेक्टेयर में खम्हार, शीशम, मुनगा के 6 हजार 500 पौधे, फल पौधरोपण के अंतर्गत 25 हेक्टेयर में आम कलमी, अमरूद, नींबू, सीताफल के 3 हजार 500 पौधे तथा कटहल और कृषि वानिकी के 4000 पौधों का रोपण किया जाएगा, साथ ही बाड़ी में बीज उत्पादन भी किया जाएगा।