डीएमएफ मद से गांवों को सेनेटाईज करें — मंत्री गुरु रूद्रकुमार

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स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और सुपोषण संबंधी कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश
नारायणपुर, कांकेर, कोण्डागांव जिले में संचालित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा

 

रायपुर, 12 जून 2020 —  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने अपने प्रभार जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गांव में अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए बनाए गए क्वांरेटाईन सेंटर की व्यवस्था, मॉडल इंग्लिश मीडियम स्कूल प्रारंभ करने, आपदा प्रबंधन सहित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी गांव का सेनेटाईजेशन किया जाए। डीएमएफ मद का उपयोग लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुपोषण के लिए किया जाए।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने आज अपने निवास कार्यालय सतनाम सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नारायणपुर, कोण्डागांव और कांकेर जिले के कलेक्टरों से चर्चा कर विभिन्न कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूर को स्थानीय स्तर पर को रोजगार उपलब्ध कराने में विशेष ध्यान रखें। उनका स्किल मैपिंग कर अनुसार उद्योगों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में जरूरत के मुताबिक रोजगार उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि गांवों में महिलाओं में आयरन की कमी दूर करने के लिए मुनगा के पौधे वितरित किए जाएं। आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से महिलाओं को एनीमिया दूर करने के लिए मुनगा पाउडर का उपयोग अनिवार्य रूप से करने की समझाईश दी जाएं। उन्होंने कहा कि पेयजल सुविधाओं के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पृथक से राशि उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कांकेर कलेक्टर को नरहरपुर स्कूल के स्वरूप को यथावत रखते हुए मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रभार जिले में प्रारंभ किए जाने वाले इंग्लिश मीडियम स्कूल के बारे में भी कलेक्टरों से चर्चा की और कहा कि इन स्कूलों में आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय युवाओं को अतिथि शिक्षक के रूप में मौका दिलाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में चर्चा के दौरान बस्तर के सांसद श्री दीपक बैज, विधायक सर्वश्री अनूप नाग, शिशुपाल सोरी एवं श्री चंदन कश्यप सहित पुलिस अधीक्षक तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कलेक्टरों से उनके जिले से अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों की जानकारी ली और ऐसे श्रमिकों की सहायता के लिए उनसे संपर्क कर सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ट्रेन से लौटने वाले श्रमिकों को अपने गंतव्य स्थान तक ले जाने के लिए स्थानीय बस आपरेटरों से भी पहले से बसों की व्यवस्था कर ली जाएं। तीनों जिलों के कलेक्टरों ने चर्चा में बताया कि अन्य राज्यों से पहुंच रहे मजदूरों तथा अन्य लोगों को आश्रम और छात्रावासों में क्वॉरेंटाइन सेन्टर बनाकर रखा गया है और इनके खान-पान और चिकित्सा संबंधी समुचित व्यवस्था की गयी है। इन जिलों में लॉकडाउन के दौरान संकट की इस घड़ी में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न राज्यों और रोजगार मूलक कार्यों तथा वनोपज संग्रहण आदि के माध्यम से लोगों को आसानी से रोजगार मुहैया कराया जा रहा है।

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