विनोद गोस्वामी ने भाजपा के समस्त पदों से इस्तीफा देते हुए कहा — डाॅ.रमन ने कि है किसान व छत्तीसगढ़ियों की उपेक्षा ।

0

रायपुर 19 जून 2020  — प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के विशेष आमंत्रित सदस्य विनोद गोस्वामी ने भाजपा प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों को त्याग दिया है। त्यागपत्र देते हुऐ श्री गोस्वामी ने कहा कि बीते भाजपा के शासन काल में डाॅ.रमन सिंह ने कभी भी प्रदेष के किसानों, मजदूरों, बेरोजगारों एवं व्यवसायियों व छत्तीसगढ़ियों के हित में कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया और न ही पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को सम्मान दिया। उन्होनें कहा कि डाॅ.रमन सिंह जब मुख्यमंत्री थे उस दौरान उनके नेेतृत्व में किसान सर्वाधिक परेषान व प्रताड़ित रहा है किसानों के धान के समर्थन मूल्य में बढोत्तरी कर 2500 रू किये जाने की मांग जैसे अतिसंवेदनषील मुद्दे व किसानों की लगातार इस मांग को अनसुना कर किसानों को छला था। जबकि इसके लिये उस दौरान पार्टी के अनेक वरिष्ठजनों ने अनेकों बार निवेदन किया था। इसी प्रकार धान के बोनस, प्राकृतिक आपदा में मुआवजा, फसलों की क्षतिपूर्ति व अन्य समस्याओं को लेकर विषेष रूप से लघु व सीमान्त छत्तीसगढिया किसान परेषान रहे थे।

विनोद गोस्वामी ने बताया कि धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी एवं बोनस जैसे मुद्दों को किनारा कर डाॅ. रमन सिंह ने प्रदेष में मोबाईल वितरण जैसे अनुपयोगी विषयो में हजारों करोड़ खर्च कर राजकोष को खाली कर दिया। इसी प्रकार रमन सिंह के शासन काल के दौरान पार्टी से लेकर प्रषासन तक बाहरी लोगों को बोलबाला रहा। जबकि प्रदेष की अनेक प्रतिभाओं जिसमें पार्टी के आधारस्तम्भ कार्यकर्ता, प्रदेष के अनेक प्रतिभावान अधिकारी व कर्मचारियों को किनारे कर बाहरी लोगो को महत्व देकर छत्तीसगढ़ियों को अपमानित किया गया। डाॅ.रमन के कार्यकाल मे संविदा व आउट सोर्सिग को महत्व देते हुए स्थानीय व प्रदेषवासियों को किनारा किया जाना सर्वाधिक अहितकर रहा है।

विनोद गोस्वामी सन1980 अविभाजित मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता अर्जुन सिंह के समक्ष कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए युवक कांग्रेस, सेवादल,अध्यक्ष जिला काँग्रेस कमेटी से प्रदेश कांग्रेस सचिव तक विभिन्न पदों पर रहते हुए कांग्रेस पार्टी में अपनी एक अलग पहचान बनायी थी।

विनोद गोस्वामी ने पार्टी अध्यक्ष को सौपे अपने त्यागपत्र सहित विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि उनके राजनैतिक जीवनकाल के प्रारंभ से ही राजनांदगांव व कबीरधाम उनकी राजनैतिक कर्मभूमि रही है और इन दोनों ही जिलो के अनेक पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता पार्टी में आज भी घुटन महसूस कर रहे है। यही कारण है कि उन्होनें भाजपा के प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पदों को त्याग दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *