मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान : द्वितीय चरण में अब तक हुयी 1.75 लाख लोगों की खून की जांच ।
रायपुर, 23 जून 2020 — मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के द्वितीय चरण के पहले 12 दिनों में 1.75 लाख से ज्यादा लोगों के खून की जांच की गयी है जिनमें 5,970 व्यक्ति मलेरिया पॉजिटिव पाए गए ।
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों में 3, 677, 14 वर्ष से कम उम्र के थे और 3,752 लक्षण रहित थे। कुल सर्वे किये गए घरों की संख्या 38, 654 है।अब तक पॉजिटिव मिले व्यक्तियों में 62% बच्चेहैं, 20% महिलाएं और 18% पुरुष।
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का दूसरा चरण 11 जून से शुरू हुआ और 31 जुलाई तक चलेगा| यह अभियान बस्तर संभाग के सातों जिलों – बीजापुर, सुकमा, दंतेवाडा, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर और कांकेर—में चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों से मलेरिया परिजिवी को समूल नष्ट करना है| अभियान के दौरान बस्तर संभाग के अंतर्गत उन सभी क्षेत्रो में जिनका वार्षिकी परजीवी सूचकांक 10 से अधिक है में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग तथा प्रभावित लोगों का पूर्ण उपचार है। अभियान का पहला चरण 15 जनवरी से 14 फरवरी तक चलाया गया था।
बस्तर में मलेरिया अनीमिया और कुपोषण का एक बड़ा कारण है। मलेरिया संक्रमण से रक्त की कमी हो जाती है जिससे व्यक्ति अनेमिक हो जाता है| इसी कारण मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान न केवल मलेरिया से मुक्ति दिलाएगा बल्कि अनीमिया, कुपोषण, शिशु एवं मात्र मृत्यु दर में कमी लाने में मदद करेगा।
डॉ सुभाष मिश्र, स्टेट नोडल अफसर (मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम) ने बताया सर्वे के दौरान सामाजिक दूरी का पूरा ख्याल रखा जा रहा है। मलेरिया जांच के साथ साथ कोरोना वायरस के लक्षण भी देखे जा रहे है और अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाते हैं तो उसको क्वॉरेंटाइन करके उपचार शुरू कर दिया जाता है। दंतेवाडा में बच्चों में खून की कमी की जांच भी की जा रही है।
अभियान के दौरान लोगों को मलेरिया के बारे में जानकारी दी जा रही है और मलेरिया से बचाव के तरीके भी बताये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दुर्गम रास्तों से होते हुए, नदियाँ पार करते हुए और कई बार कई घंटों पैदल चलकर दूर दराज़ के गाँव में पहुँच रहे हैं।
आंकड़ों के अनुसार अब तक बीजापुर की 18.5%, सुकमा की 8%, दंतेवाडा की 7.1%, कोंडागांव की 7%, नारायणपुर की 5.4%, बस्तर की 3.6% और कांकेर की 2.8% जनसँख्या को कवर किया जा चुका है | लक्षण रहित पॉजिटिव मरीजों में 75% सुकमामें, 66% बीजापुर, 61% बस्तर, 59% नारायणपुर, 57% कांकेर, 51% कोंडागांव और 47% दंतेवाडा में पाए गए| इसी प्रकार सबसे अधिक गर्भवती महिलाएं – 17 बीजापुर में, 10 सुकमा में, 9 नारायणपुर में, 8-8 बस्तर और कांकेर में 6 कोंडागांव में और 1 दंतेवाडा में मिली।
वार्षिक परजीवी सूचकांक सबसे अधिक 6.99 बीजापुर का है जिसके बाद सुकमा का 4.28 है| नारायणपुर का स्थान तीसरा है जिसका एपीआई 4.25, कांकेर का 1.66, दंतेवाडा का 1.52, बस्तर का 1.38 और कोंडागांव का 0.72 है।
इस अभियान के पहले चरण में दंतेवाडा जिले के 3 विकासखंड, कांकेर एवं कोंडागांव जिले के 24 उप स्वस्थ्य केंद्र शामिल थे।चिन्हांकित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग के 1,560 सर्वे दल द्वारा 14.55 लाख से अधिक व्यक्तियों की रक्त जांच, औरआर डी टेस्ट से की गई। इसके बाद सर्वे दलों द्वारा सभी पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों का पूर्ण उपचार किया गया। घर-घर जांच द्वारा पाए गए लक्षण रहित मलेरिया प्रभावित व्यक्तियों की पहचान कर उनका पूर्ण उपचार किया गया जिससे उनके शरीर से मलेरिया परिजिवी को नष्ट करके मलेरिया फैलाने की संभावना को कम से कम किया जा सके।