जनता पर महंगाई की मार , हुआ पेट्रोल डीजल 80 के पार जिसके जिम्मेदार है मोदी सरकार – फूलोदेवी नेताम

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पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ रहे है लगातार
बेरोजगारी और कोरोना से था हाहाकार
और ये महंगाई पर चुप बैठे है मोदी सरकार

 

रायपुर/ 26 जून 2020 —  पेट्रोल डीजल के हर दिन बढ़ते दामों से आम आदमी की जेब पूरी तरह खाली हो चुकी है राज्यसभा सांसद एवं महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष फूलोदेवी नेताम ने कहा कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती हुई कीमतें थमने का नाम नहीं ले रही है। मोदी सरकार के गलत नीति के कारण आज 20 वें लगातार पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई है। पेट्रोल 80.13 रूपये हो गई है और एक लीटर डीजल के 80.19 रुपये चुकाने होगें। इस तरह से 20 दिन में डीजल 11 रुपये लगभग अौर पेट्रोल की कीमतों में लगभग 10 रुपये महंगा हुआ है। महंगाई की मार जिसके जिम्मेदार है मोदी सरकार। देश मे जिस तरह से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ा दिये गए ये केन्द्र सरकार की नकामी का सबूत है।

फूलोदेवी नेताम ने कोरोना महामारी के चलते लगातार लाकडाउन से आम जनता अत्यधिक परेशान है अौर ऊपर से केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दामों मे लगातार वृद्धि कर लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा आम जनता को राहत देने के बजाय उसे और मुश्किलों में डाल रही है।

फूलोदेवी नेताम ने कहा कि महंगाई कमर तोड़ रहे है तेल के बढ़ते दाम देश में पेट्रोल व डीजल के भावों में आग लगी हुई है। अब मानसून की शुरुआत हो चुका है किसान खेती- बाड़ी में जुटेगें। ऐसे में डीजल के भाव में अत्यधिक वृद्धि होना किसानों की कमर तोड़ने वाला है। पेट्रोल-डीजल के महंगा होने का कारण समान महंगा होगा क्योंकि समान में परिवहन का लागत जुड़ा होता है किराया बढेगा। कोरोना के संकट के कारण पहले आमदनी के स्रोत घटे है। सरकार का दायित्व होता है कि महंगाई को नियंत्रण में रखें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अौर वित्त मंत्री को देश की आर्थिक स्थिति के बारे मे जानकारी नही है इसलिए पेट्रोल-डीजल की कीमत में लगातार वृद्धि होती जा रही है। मोदी जी बार-बार कहते थे उनका क्या है झोला उठा कर चल देगें प्रधानमंत्री जी आपके गृहस्थी होता तो पता चलता कि आज इस महंगाई से लोग कितना परेशान हैं ।

फूलोदेवी नेताम ने कहा कि स्मृति ईरानी जी देश में महंगाई बेलगाम होती जा रही है आप कहाँ छुप गये हो? अब क्या आप महंगाई के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का साहस करेगें?

 

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