कोरोना संकट को लेकर प्रदेश सरकार क़तई गंभीर नहीं, जनस्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ कर रही — भाजपा

0

 

क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली के बावज़ूद सरकार संवेदनहीन है तो उसे सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं : कौशिक

दुधमुँही बच्ची की मौत व आत्महत्या के एक और मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष का प्रदेश सरकार पर तीखा हमला

रायपुर —   भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने जांजगीर-चाँपा ज़िले के व्यासनगर क्वारेंटाइन सेंटर में दो माह की बच्ची की मौत और बलौदाबाजार ज़िले में भाटापारा के क्वारेंटाइन सेंटर में एक श्रमिक द्वारा ख़ुदक़ुशी किए जाने के ताज़ा मामलों के मद्देनज़र कोरोना संकट की रोकथाम के मोर्चे पर प्रदेश सरकार को पूरी तरह विफल बताया है। श्री कौशिक ने कहा कि कोरोना संकट को लेकर प्रदेश सरकार क़तई गंभीर नहीं दिख रही है और प्रदेश के जनस्वास्थ्य और सुरक्षा के साथ खुला खिलवाड़ कर रही है। भाजपा इस तरह प्रदेश सरकार को जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने नहीं देगी।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि भाजपा द्वारा लगातार ध्यान दिलाने के बावज़ूद प्रदेश सरकार कोरोना की रोकथाम के उपायों पर अमल करने में लापरवाही की सारी हदें पार करने पर आमादा नज़र आ रही है। भाजपा शुरू से प्रदेशभर के क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदइंतज़ामी और बदहाली को लेकर अपनी चिंता से प्रदेश सरकार को अवगत कराती रही है, लेकिन प्रदेश सरकार के कानों में जूँ तक नहीं रेंग रही है। प्रदेश कोरोना के विस्फोटक स्तर के मुहाने पर खड़ा है और प्रदेश सरकार सियासी नौटंकियों में ही मशगूल है। श्री कौशिक ने कहा कि आज तक प्रदेश सरकार ने कभी इन क्वारेंटाइन सेंटर्स की सुध लेने की ज़रूरत तक महसूस नहीं की और भाजपा के लोग जब इन सेंटर्स की सुध लेने जाते हैं तो उन्हें प्रशासन का दुरुपयोग कर ज़बरिया क्वारेंटाइन करा प्रदेश सरकार सच का सामना करने से मुँह चुराती है। बड़ी-बड़ी डींगें हाँककर सरकार सिर्फ़ अपनी झूठी वाहवाही करा रही है। शुरू से लेकर आज तक की तमाम घटनाएँ इस बात की साक्षी हैं कि प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते ये क्वारेंटाइन सेंटर्स किसी यातना गृह से कम नहीं रह गए हैं, जहाँ सर्पों और अन्य विषैले जीव-जंतुओं ने वहाँ रखे गए लोगों को हर क़दम पर असुरक्षा के साए में जीने के लिए मज़बूर कर रखा है। सर्पदंश से मौतों और आत्महत्या की वारदातों के बावज़ूद प्रदेश सरकार की संवेदनहीन है तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार ही नहीं रह जाता है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश में जितनी मौतें कोरोना से नहीं हुई हैं, उससे कहीं ज़्यादा मौतें ‌तो क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदइंतज़ामी और बदहाली के चलते हो चुकी हैं फिर भी प्रदेश सरकार इन सेंटर्स के इंतज़ामात को लेकर कोरी लफ्फाजियाँ करने से बाज नहीं आ रही है। इन क्वारेंटाइन सेंटर्स में न तो रखे गए लोगों को निर्धारित मेन्यू के मुताबिक भोजन मिल रहा है, न वहाँ पीने और दीग़र ज़रूरतों के लिए पानी है; फलस्वरूप लोग या तो घर जाकर भोजन करते हैं या फिर उनके रिश्तेदार-परिचित भोजन लेकर सेंटर आ रहे हैं। पाबंदी के बावज़ूद सेंटर में रखे गए लोग तालाबों में स्नानादि करने जा रहे हैं। बदइंतज़ामी से त्रस्त होकर लोग इन सेंटर्स से भाग रहे हैं। श्री कौशिक ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार कितनी गंभीर है, यह इसी बात से ज़ाहिर हो रहा है कि उसने बिना तैयारी और गाइडलाइन के यात्री बसों के परिचालन व मॉल, रेस्टोरेंट, होटल खोलने की अनुमति भी प्रदान कर दी। ऐसा करके सरकार ख़तरे को न्योता देने का काम कर रही है। कोरोना संक्रमण को लगभग 100 दिन बीतने आ रहे हैं पर प्रदेश सरकार आज तक न तो पर्याप्त टेस्टिंग लैब की व्यवस्था कर पाई है, न कोविड अस्पतालों की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था कर पाई है और न ही क्वारेंटाइन सेंटर्स में कोई चाक-चौबंद इंतज़ाम कर पाई है। प्रदेशभर के अमूमन कंटेनमेंट ज़ोन तक बदहाली के शिकार हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *