अटल के बाद मोदी ने भी सरकारी उपक्रमों को बेचना शुरू किया ….कांग्रेस ने बनाया लेकिन भाजपा ने देश के धरोहर को बेचने का काम किया — धनंजय सिंह
रायपुर — पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में शुरू हुई सरकारी कंपनियों को बेचने का सिलसिला नरेन्द्र मोदी की सरकार के दौरान भी चला। भाजपा को देश की जनता ने दो-दो बार सत्ता सौंपी लेकिन दोनों प्रधानमंत्री के कार्यकाल से जनता को निराशा हाथ लगी। अटल बिहारी वाजपेयी जी के शासनकाल में भारत एलमुनियम कंपनी(बाल्को), हिन्दुस्तान जिंक, इडियन पेट्रोकेमिक कार्पोशन लिमिटेड, विदेश संचार निगम लिमिटेड सहित कई लाभ व रोजगार देने वाले कंपनियों को मूल लागत से भी कम दर पर भाजपा समर्थित उद्योगपतियों को दे दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहां की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में भी भारत के ऐतिहासिक धरोहर लालकिला, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल), सहित देश के 6 बड़े एयरपोर्ट लखनऊ, जयपुर, अहमदाबाद, मेंगलुरु, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम को निजी हाथों में सौंप दिया गया। भाजपा की सरकार देश पर उपलब्धियों की कोई छाप छोड़ नहीं पाई। दोनों प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में पाकिस्तान यात्रा और यात्रा के बाद कारगिल, पठानकोट, उरी पुलवामा जैसी घटनाएं देश को गहरा जख्म देने वाला घटनायें रही। स्पष्ट है कि भाजपा के नेताओं को देश चलाना नहीं आता है, बल्कि देश की सामाजिक समरसता भाईचारा एकता अखंडता को तार तार करने वाले तत्व भाजपा शासनकाल में ज्यादा फलते फूलते हैं। आजाद भारत को आर्थिक समाजिक राजनीतिक रूप से मजबूत करने के लिए कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया जिस देश में सुई विदेशों से खरीदनी पड़ती थी वहां फाइटर पायलट तक का निर्माण होना शुरू हो गया, लेकिन भाजपा के प्रधानमंत्रियों में कुछ सकारात्मक कर दिखाने के गुण की कमी थी। यही वजह है कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान बनी सरकारी कंपनियां का निजीकरण का काम भाजपा शासनकाल पर जोरों से हुआ और कई सारी सरकारी कंपनियों को बेचने के लिए विनिवेश मंत्रालय बना कर कंपनियों के शेयर को बेचने का पूरा जुगाड़ बैठा दिया गया है। आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार विश्वकर्मा की तरह निर्माणकर्ता के रूप में उभरी थी तो वही भाजपा के दो कार्यकाल के दौरान भाजपा की सरकारों की देश की संपत्ति को बेचने वाले की ही भूमिका रही है। देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को खुला छूट भाजपा शासनकाल में सरकारी बीमा कंपनियों में विदेश निवेश के रास्ते खोले गये। सरकारी कंपनियों को घाटे में पहुंचा कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का काम मोदी की सरकार ने किया है। जनता अब बदलाव चाहती है और आजादी के बाद जो देश के निर्माण में महती भूमिका निभाने वाले कांग्रेस की सरकार को पुनः स्थापित कर देश बेचने की सोच रखने वाली भाजपा की सरकार को उखाड़ फेंकेगी। देश का युवा रोजगार चाहता है, देश की महिलाएं स्वालंबन चाहती है, देश का किसान उन्नति जाता है, लेकिन भाजपा की सरकारें उद्योगपतियों के हितैषी बनकर उनके उन्नति उनके विकास के बारे में सोचती रही जिसका खामियाजा है कि देश में बेरोजगारी और महंगाई बढ़ी है। एक प्रकार से भाजपा ने देश को आर्थिक गुलामी की ओर धकेलने का ही काम किया है।