संघ भाजपा नेताओं को बौद्धिक देकर बताए कि गोबर खरीदने का स्वागत क्यों करना चाहिए — कांग्रेस

0

 

पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की भाषा गोबर खरीदी के उपहास की भाषा है

गोबर खरीदी का विरोध करने वाले ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नहीं समझते

 

रायपुर/08 जुलाई 2020 — आरएसएस ने गोबर खरीदी का स्वागत करने पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा नेता अपनी राजनीति की सीख संघ से ही लेते हैं और गोबर खरीदी के मामले में विरोध करने से पहले एक बार संघ से पूछ लेना चाहिए। और संघ को भी चाहिए कि वे भाजपा नेताओं को थोड़ा बौद्धिक देकर बताएं कि गोबर ख़रीदने के सरकार के फ़ैसले का स्वागत क्यों करना चाहिए?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा के नेताओं ने सत्ता में 15 वर्ष रहते हुए गाय को सिर्फ वोट मांगने के लिए उपयोग किया और जब भूपेश सरकार ने ‘नरवा गरुवा घुरुवा बारी’ योजना लागू की तब से उन्हें तकलीफ़ हो रही है. अब जब सरकार ने गोबर खरीदने की घोषणा की है तो भाजपा के नेताओं की तकलीफ़ और बढ़ गई है. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर तो सारी सीमाओं को लांघकर दुष्प्रचार करने में लग गए हैं और राजनांदगांव विधायक रमन सिंह भी उनका समर्थन करते नजर आये।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह सरकार ने गौरक्षा के नाम पर गौशालाएं बनवाईं और 15 साल के रमन सिंह सरकार में उनको करोड़ों रुपए का अनुदान भाजपा नेताओं की गौशालाओं को सरकार की ओर से मिलता रहा। गौशालाओं की अनुदान राशि की भाजपा सरकार के 15 साल में लगातार बंदरबांट की गयी। लेकिन अंततः भाजपा के नेता गौ सेवा करने वाले नहीं गौमाता को मारकर चमड़े, हड्डी और मांस का व्यापार करने वाले निकले। ऐसा एक से अधिक जगहों पर हुआ। भाजपा को इसी बात की तकलीफ है कि भूपेश सरकार क्यों गाय और गोबर को सम्मान देने की बात कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा नेताओं द्वारा लगातार किया जा रहा गोबर खरीदी का उपहास न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रति उनकी नासमझी दर्शाता है बल्कि सीधे-सीधे हिन्दू धर्म का, भारतीय परंपरा का और छत्तीसगढ़ की अस्मिता और स्वाभिमान का अपमान भी करता है। संचार विभाग प्रमुख ने कहा है कि गोबर को तो बहुत पवित्र माना जाता है। गौरी गणेश को गोबर से ही बनाया जाता है। हर पवित्र काम के पहले पूजा स्थल को गोबर से लीपकर पवित्र किया जाता है। पंचगव्य में गोबर सम्मिलित है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन खुंदाने के बाद गोबर से माथे को तिलक करते हैं। यदि उस गोबर को सरकार अर्थव्यवस्था से जोड़ रही है, पशुपालकों, किसानों और मजदूरों की बेहतरी के लिये काम कर रही है तो भाजपा के नेताओं को हो रहा दर्द समझ के परे है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि वैसे तो संघ और भाजपा नेताओं के प्रिय नेता विनायक दामोदर सावरकर की भावनाएं भी गाय और गोबर को लेकर बहुत बुरी थीं और भाजपा राज में जब गौवंश के साथ अत्याचार हो रहा था तब भी संघ चुप रहा. लेकिन अगर अब संघ को सद्बुद्धि आ गई है तो उन्हें चाहिए कि वे अपने अनुसांगिक राजनीतिक संगठन भाजपा के नेताओं को भी कुछ बौद्धिक दें और उनसे कहें कि वे बिना हिचके सरकार की गोबर खरीद योजना का स्वागत करें. यदि संघ ऐसा नहीं कर पाता है तो समझ ले कि भाजपा छत्तीसगढ़ की जनता के नज़रों में लगातार गिरती ही जा रही है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *