छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम में टेंडर घोटाला मामला… 5 अफसरों पर होगी FIR

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रायपुर — छ्त्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के चर्चित टेंडर घोटाला मामले में तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी सहित 5 अफसरों के खिलाफ FIR होगी। राज्य शासन ने FIR की अनुमति दे दी है। EOW पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि साढ़े 6 करोड़ रुपए से अधिक का अनियमित भुगतान किया गया है।
गौरतलब है कि नवंबर 2019 में राज्य शासन ने पाठ्यपुस्तक निगम से चतुर्वेदी की प्रतिनियुक्ति खत्म करते हुए उनकी सेवाएं पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को लौटा दी थी। इस निर्णय के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था। टेंडर में हुई अनियमितता की शिकायत के बीच जांच का जिम्मा एसीबी-ईओडब्ल्यू को सौंपा गया था। एडीजी जीपी सिंह ने बताया कि होप इंटरप्राइजेस को अकेले को काम देने के लिए और लाभ पहुंचाने के लिए अशोक चतुर्वेदी और कमेटी के सभी सदस्यों ने उसे करोड़ों रुपये का ठेका दिया गया। उन्होंने बताया कि इस टेंडर में चार आवेदक बताए गए हैं, लेकिन जांच में साबित हुआ कि होप इंटरप्राइजेस को काम देने के लिए बाकी फर्मों के नाम से झूठी निविदाएं पेश की गईं।

गौरतलब है कि जनवरी-2020 में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम के महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर न्याय और कुछ अफसरों के भय से निजात दिलाने की मांग की थी। पत्र में एमडी चतुर्वेदी ने लिखा था कि उनके खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने साल 2015 से 2019 तक मुद्रण कागज खरीदी, स्वेच्छानुदान, विविध मुद्रण और अन्य पर भ्रष्टाचार का प्राथमिक जांच शुरू की गई है।

इस पूरी गड़बड़ी में 6 करोड़ 55 लाख 48 हजार 598 रुपए का अनियमित भुगतान हुआ। करोड़ों घोटाला, शासन को पहुंचाई हानि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के युवा नेता विनोद तिवारी ने मंगलवार को शिक्षामंत्री प्रेमसाय सिंह से मुलाकात कर पाठ्यपुस्तक निगम घोटाले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

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