प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र अपने सत्तावादी अहंकार और हठीलेपन के पोषण में विश्वास रखता है — श्रीवास्तव

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संविदा नियुक्ति पर मुहर लगाकर प्रदेश सरकार नैतिक मानदंडों की अनदेखी कर रही : भाजपा

 

रायपुर —  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने पूर्व आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला के मामले में प्रदेश सरकार द्वारा नैतिक मानदंडों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जब इस मामले में सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ हाई कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है और हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस देकर ज़वाब देने कहा है, तब प्रदेश सरकार की कैबिनेट डॉ. शुक्ला की संविदा नियुक्ति पर मुहर लगाकर नीति विरुद्ध काम कर रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने डॉ. शुक्ला को प्रमुख सचिव के रिक्त असंवर्गीय पद पर तीन वर्ष के लिए संविदा नियुक्ति कार्योत्तर अनुमोदन किया है जबकि सरकार के इस नियुक्ति संबंधी फैसले को प्रदेश के हाई कोर्ट में चुनौती दी जा चुकी है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कोर्ट ने कैबिनेट की मंजूरी से काफी पहले प्रदेश सरकार को नोटिस भेजकर ज़वाब देने कहा है, लेकिन ज़वाब देने में टालमटोल करके सरकार ने डॉ. शुक्ला की नियुक्ति का अनुमोदन करा न केवल न्यायालयीन प्रक्रिया को धता बताने का काम किया है, अपितु यह भी ज़ाहिर कर दिया है कि इस प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र विधि के शासन और विधायी प्रक्रियाओं के बजाय अपने सत्तावादी अहंकार और हठीलेपन के पोषण में विश्वास रखता है। भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार द्वारा स्थापित विधि आयोग को भी बंद करके सरकार ने अपनी इसी मानसिकता का परिचय दिया है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि उच्च न्यायालय में सरकार के किसी फैसले पर सुनवाई चल रही हो, तब प्रदेश सरकार का अपने ग़लत माने जा रहे फैसले का यूँ अनुमोदन कराना नैतिक मानदंडों को तिलांजलि देने जैसा शर्मनाक कृत्य है।

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