कांग्रेस के घोषणा पत्र देखकर भाजपा बौखलाहट में बेहुदगी भरे आचरण में उतर आयी है — सुशील आनंद
कांग्रेस का घोषणा पत्र देखकर भाजपा के पैरो तले जमीन खिसक गयी : कांग्रेस
कांग्रेस के घोषण पत्र में देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षाा को मजबूत करने का वायदा
रायपुर — कांग्रेस का घोषणा पत्र देखकर भाजपा के पैरो तले जमीन खिसक गयी है। भाजपा द्वारा कांग्रेस के घोषणा पत्र की प्रति जलाने की घटना बेहद आपत्तिजनक और निन्दनीय है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में किये गये वायदों और इस घोषणा पत्र को मिल रहे देशव्यापी जन समर्थन से बौखलाई भारतीय जनता पार्टी इस प्रकार के बेहूदगी भरे आचरण पर उतर आई है। कांग्रेस ने अपने घोषण पत्र में देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का प्रावधान किया है। घोषणा पत्र के बिन्दु 15 में वायदा किया गया है कि देश की आतंरिक सुरक्षा को सबसे ज्यादा खतरा आतंकवाद, आतंकवादियो को घुसपैठ, माओवादी/नक्सलवाद, जातीय साम्प्रदायिक संघर्ष से है। कांग्रेस इन सभी खतरों से अलग-अलग तरीके से निपटेगी। कांग्रेस ने वायदा किया है आतंकवाद और आतंकी घुसपैठ को रोकने के लिये स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ कठोरतम उपाय करेंगे।
माओवाद, नक्सलवाद से निपटने के लिये कांग्रेस दोहरी रणनीति अपनाएगी। हिसंक गतिविधियो को रोकने के लिये जहां एक तरह कठोर कार्यवाही की जायेगी, वहीं दूसरी तरफ नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य किये जायेंगे, जिससे कि प्रभावित क्षेत्र की जनता के साथ-साथ भटके हुये लोगो को मुख्यधारा में लाया जा सके।
कांग्रेस ने देश की आंतरिक सुरक्षा से निपटने के लिये सरकार बनने के तीन महिने के अन्दर राष्ट्रीय आतंक विरोधी केन्द्र छब्ज्ब् बहाली करने और दिसंबर के अंत तक देश में छ।ज्ळत्प्क् शुरू करने करने का वायदा किया है। इसके साथ ही घोषणा पत्र के बिन्दु 17 के अंतर्गत सीमा सुरक्षा में तथा बिन्दु 19 में केन्द्रीय शसस्त्र बलों और पुलिस बलों को सुदृढ़ और शसक्त का वायदा किया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने मोदी सरकारी के द्वारा पांच वर्ष तक अपनी आलोचनाओं और असहमतियों के दमन के लिये जिस प्रकार विवादास्पद कानून 124। का दुरूपयोग किया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी 124। कानून के बारे में अनेकों बाद टिप्पणी की है कि सिर्फ आलोचना और असहमति से किसी के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा नहीं बनता है। कांग्रेस का मानना है कि संविधान की धारा 19(1) में पहले से ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ प्रतिबंध लगे है। ऐसे में 124। कानून अनावश्यक है तथा मोदी सरकार जैसी पूर्वाग्रही सरकारें इसका दुरूपयोग देशवासियों करती है। इसे हटाना देशवासियों के हित में है।
लोकसभा चुनाव के लिये जारी कांग्रेस का घोषणा पत्र देश की वर्तमान राजनैतिक आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था के बदलाव में मील का पत्थर साबित होगा। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में सम्पूर्ण भारत के हर वर्ग के भावनाओं और उनके कल्याण के लिये प्रावधान किया है। इस घोषणा पत्र के माध्यम से कांग्रेस पूरे देश के सामने एक मात्र विश्वसीय विकल्प के रूप में प्रस्तुत हुई है।
पिछले पांच वर्ष में, भाजपा सरकार के मोदी माॅडल के अन्तर्गत इस देश को भारी सामाजिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। भाजपा के मोदी माॅडल ने हमारी अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है, किसानों को बर्बाद कर दिया है, छोटे और मध्यम व्यवसायो को नष्ट कर दिया, जिसके कारण बेरोजगारी अपने चरम पर है और इन सबसे ऊपर इस माॅडल ने समाज में वैंमनस्यता, नफरत और भय का माहौल पैदा कर दिया है। यह ऐसा माॅडल है जिसने अधिकांश भारतीयों से, उनकी गरिमा, विश्वास और आवाज छीन ली है। यह ऐसा माॅडल है जिसकी भारत को जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में इसी नफरत और कुशासन से मुक्ति दिलाने का वायदा किया है।
कांग्रेस का माॅडल भाजपा के माॅडल से बिल्कुल अलग है। कांग्रेस ने हमेशा से सुधारात्मक विकास, समावंशी वृद्धि और उतरदायी शासन दिया है, जिसने भारतीय गणतंत्र को मजबूत किया है।
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जहां आर्थिक विषमता मिटाने न्याय योजना लागू करने का वायदा किया है। गरीब, किसान, महिला, युवा स्वास्थ्य सभी के लिये प्रावधान किया है ।