छत्तीसगढ़ में कोरोना का संक्रमण और कोरोना वॉरियर्स की हताशा चरम पर — भाजपा
संसदीय सचिवों और निगम-मंडलों में नियुक्तियाँ कर ख़जाने पर बोझ डालने वाले सफाई कर्मियों की वेतन कटौती पर ज़वाब देने से मुँह चुरा रहे हैं : सोनी
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व संसद सदस्य सुनील सोनी ने कहा है कि प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते छत्तीसगढ़ में एक तरफ कोरोना संक्रमण चरम पर पहुँच रहा है, तो प्रदेश सरकार की संवेदनहीनता और अमानवीयता के चलते दूसरी तरफ़ कोरोना वॉरियर्स में हताशा चरम तक पहुँच गई है। राजधानी के अंबेडकर अस्पताल में बने कोविड-19 अस्पताल के सफाई कर्मियों द्वारा दो दिन का वेतन काटे जाने के ख़िलाफ़ की गई हड़ताल को प्रदेश सरकार के नाकारेपन का दुर्भाग्यपूर्ण परिणाम बताते हुए श्री सोनी ने कहा कि प्रदेश सरकार ख़ुद तो कोरोना की रोकथाम के मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही है, और अब कोरोना के ख़िलाफ़ जारी जंग को कमज़ोर करने और कोरोना वॉरियर्स का मनोबल तोड़ने का शर्मनाक कृत्य कर रही है।
भाजपा सांसद श्री सोनी ने कहा कि एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल डींगें हाँकते नहीं थकते कि लॉकडाउन में भी प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा और दूसरी तरफ कोरोना से लड़ने के लिए फंड मांगने पर प्रदेश की माली हालत खराब होने का रोना रोकर केंद्र सरकार के विरुद्ध प्रलाप पर उतारू हो जाते हैं। श्री सोनी ने कहा कि ऐसे दोहरे राजनीतिक चरित्र के साथ मुख्यमंत्री बघेल एक दिन पहले 15 संसदीय सचिवों की नियुक्ति कर देते हैं और अगले दिन 32 निगम-मंडलों के पदों पर नियुक्तियाँ कर देते हैं। इससे यह साफ़ हो गया है कि कोरोना की रोकथाम इस सरकार की प्राथमिकता है ही नहीं, सत्ता-लालसा ही इनका लक्ष्य है। पदों की रेवड़ियाँ बाँटकर और प्रदेश के ख़जाने पर बोझ डालकर मुख्यमंत्री बघेल अपनी नाकामियों से अपने ही दल और सरकार में उपजे असंतोष को दबाने का उपक्रम तो कर लिया, लेकिन सफाई कर्मियों का वेतन काट कर उन्हें सड़क पर उतरने के लिए मज़बूर क्यों किया, इस सवाल का ज़वाब देने से मुख्यमंत्री समेत तमाम कांग्रेस नेता मुँह चुरा रहे हैं।
भाजपा सांसद श्री सोनी ने कहा है कि जो सफाई कर्मचारी अपना सबकुछ दाँव पर लगाकर कोरोना की लड़ाई लड़ रहे हैं, प्रदेश सरकार ने उनका बीमा तक तो नहीं कराया है, उनको कोई विशेष सुविधाएँ व सुरक्षा के संसाधन तक मुहैया नहीं कराए गए हैं और अब पूरे महीने काम कर चुके सफाई कर्मियों का दो दिन का वेतन काट कर प्रदेश सरकार न केवल कोरोना वॉरियर्स का अपमान कर रही है, अपितु उनका शोषण करके उनके प्रति अत्याचार की पराकाष्ठा कर रही है। मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश को बताएँ कि सरकार के सामने ऐसी क्या नौबत आ गई कि उसे सफाई कर्मियों का वेतन काटना पड़ा? श्री सोनी कहा कि कोरोना वॉरियर्स को प्रोत्साहित करते हुए उनका बीमा कराना चाहिए और उनकी सेवा-भावना का सम्मान कर सात दिनों का अतिरिक्त वेतन देना चाहिए।