भाजपा का सवाल : फर्जी जाति प्रमाणपत्रधारकों को बर्ख़ास्त करने के बजाय पदोन्नत करने की अनुशंसा किस आधार पर?
अवैधानिक पदोन्नति तत्काल रोकें अन्यथा व्यापक असन्तोष फैलने के लिए प्रदेश सरकार ही ज़िम्मेदार होगी : उपासने
रायपुर – भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानन्द उपासने ने कहा है कि प्रदेश सरकार सारे कार्य नियम-कानून को बला-ए-ताक रख करके अपनी हठधर्मिता व भ्रष्टाचरण का खुला प्रदर्शन कर रही है। इस संबंध में तथ्यों का हवाला देते हुए श्री उपासने ने कहा कि मंत्रालय के उन कर्मचारियों की समान्य प्रशासन विभाग द्वारा ऐसे दर्जनों कर्मचारियों की पदोन्नति की अनुशंसा की जा रही है जिन्हें उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने अपनी रिपोर्ट में फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर नौकरी करना पाया था और जिन्हें उच्च न्यायालय ने भी अयोग्य करार दिया था, फिर भी ऐसे कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त करने के बजाय यह सरकार पदोन्नति देने जा रही है। प्रदेश सरकार बताए कि यह अनुशंसा किस आधार पर की गई है?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि गत वर्ष विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह सार्वजनिक घोषणा मंच से की थी कि फर्जी जाति प्रमाणपत्र के आधार पर जिन कर्मचारियों ने नौकरी प्राप्त कर ली है उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा व पदोन्नति भी नहीं दी जाएगी। श्री उपासने ने इस बात पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है कि सामान्य प्रशासन विभाग उन फर्जी जाति प्रमाणपत्रधारकों को, जिन्हें मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से नौकरी से निकालने की घोषणा की है व जांच समिति ने भी जिनका जाति प्रमाणपत्र फर्जी पाया है, इसकी जानकारी होने के बावज़ूद सामान्य प्रशासन विभाग उनकी पदोन्नति की अनुशंसा कर मुख्यमंत्री को भेज रहा है। श्री उपासने ने मुख्यमंत्री बघेल से माँग की है कि सभी कर्मचारियों के हितों में अपनी घोषणा व जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह अवैधानिक पदोन्नति तत्काल रोकें अन्यथा मंत्रालय कर्मचारियों में व्यापक असन्तोष फैलने के लिए प्रदेश सरकार ही ज़िम्मेदार होगी।