प्रदेश में कोरोना महामारी बेकाबू, सरकार की तैयारी अपर्याप्त – कौशिक
ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने इस बात पर चिंता व्यक्त की है कि प्रदेश में कोराना संक्रमितों में अप्रत्याशित वृद्वि हुई है। छत्तीसगढ़ के सारे जिलों में कोरोना फैल चुका है और स्थिति भयावह है। श्री कौशिक ने प्रदेशभर के क्वारेंटाइन सेंटर्स में अव्यवस्था के आलम की बात पर भी ज़ोर दिया और इन सेंटर्स में हो रहीं मौतों के लिए प्रदेश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराया। श्री कौशिक रविवार को ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने बताया कि छत्तीसगढ़ में एक जून तक मात्र 498 केस थे व एक की ही मृत्यु हुई थी मगर 25 जुलाई की स्थिति में 7182 केस हो गये हैं तथा इसमें 2460 एक्टिव केस हैं एवं 39 लोगों की मृत्यु हो गई है। इस प्रकार सिर्फ जुलाई में ही 25 जुलाई तक 4322 केस आये हैं व 25 लोगो की मृत्यु हो गई हैं। रायपुर कोरोना की राजधानी बन गया है। विगत 02 दिनों में 200 से अधिक केस प्रतिदिन आये हैं व कई दिनों से कोराना के 100 से अधिक केस आये हैं। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स में अव्यवस्था के कारण व मानसिक दबाव एवं मनोचिकित्सक की सही सेवा नहीं होने के कारण 07 लोगों ने आत्महत्या कर ली। इसके अलावा 02 व्यक्तियों की सर्पदंश से मृत्यु हो गई। इसके अतिरिक्त 12 लोगों की अव्यवस्था के चलते मृत्यु हो गई। ये मौतें बस्तर से लेकर सरगुजा तक सभी जगह हुई हैं। ये सरकार की अव्यवस्थता को बताता है। इन सेंटर्स में अब तक कुल 21 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। प्रदेश में 39 व्यक्ति की मृत्यु केवल कोरोना से हुई है जबकि 21 व्यक्ति सरकार की लापरवाही के चलते मृत हुए हैं। श्री कौशिक ने सवाल किया कि इसका उत्तरदायित्व किसका है? इन्हें मुआवजा नहीं भी दिया गया है, जो सरकार की असंवेदनशीलता है। दो दिन पूर्व कवर्धा में बैगा जनजाति के तुलसी बैगा द्वारा आत्महत्या कर ली गई है क्योंकि वह वहां पर मानसिक रूप से परेशान से पीड़ित था।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने अन्य राज्यों के कोरोना मरीजों के आँकड़ों पेश करते हुए बताया कि इस सप्ताह की शुरुआत में हिमाचल प्रदेश में मात्र 14 सौ केस, गोवा में 33 सौ केस, उत्तराखण्ड में चार हजार केस, चण्डीगढ़ में 600 केस, अरुणाचल प्रदेश में 600 केस, मेघालय में 400 केस, मिजोरम में 300 केस, सिक्किम में 250 केस है। इससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा सही कार्य नहीं किया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों की जांच नहीं होने और प्रदेश में बाहर से आये 7 लाख से अधिक मजदूरों को उनकी दशा पर छोड़ दिए जाने की बात कहते हुए श्री कौशिक ने इस बात को चिंताजनक बताया कि जिन क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखा गया है, वे सेंटर्स ही अब कोरोना के वाहक बन गए है। कई सेंटर्स में सैकड़ों की संख्या में लोग कारोना संकमित हुए हैं। प्रदेश में 2.80 लाख प्रवासी श्रमिकों का टेस्ट हुआ है जबकि समस्त प्रवासी मजदूरों का टेस्ट होना चाहिए था। इसीलिए समुदायिक संक्रमण तेजी से फैल रहा है। रायपुर में ही पिछले 2 दिन में 45 ऐसे मरीज हैं जो संक्रमित हुए हैं लेकिन आज तक उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया जा सका है, यह स्वास्थ्य विभाग की गैर संवेदनशीलता को बताता है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने आरोप लगाया कि टेस्ट की समुचित व्यवस्था अभी भी नही हैं। रैपिड टेस्ट किट की खरीदी में भ्रष्टाचार के चलते टेंडर निरस्त किया गया फिर दूसरी कंपनी से जब किट खरीदे गये तो उसकी रिपोर्ट सही नहीं आई है। इधर, आरटीपीसीआर अभी भी 03 जिलों में प्रारम्भ नहीं हुए है तथा सिर्फ 05 जिलों में आरटीपीसीआर से टेस्ट हो रहा है। 13 जिलों में टूनॉट लैब स्थापित है। देश में प्रति 10 लाख में होने वाले टेस्ट में छत्तीसगढ़ में मात्र 2228 टेस्ट हो रहे हैं जो कि पूरे देश में 23वें नम्बर पर हैं। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान स्थिति में विशुद्ध कोविड हॉस्पिटल में मात्र 3384 बिस्तर सुरक्षित किये गये हैं जिसमें रायपुर में 1110 बेड हैं और 25 जुलाई की स्थिति में रायपुर में 1166 केस एक्टिव हैं। इसी प्रकार बिलासपुर में 100 बेड के विरुद्ध 160 एक्टिव केस, दुर्ग में 115 विरूद्ध 214 एक्टिव केस, कवर्धा में 50 बेड के विरूद्ध 51 एक्टिव केस तथा जांजगीर, बीजापुर और सुकमा में क्रमशः 80, 50 और 40 बेड के विरूद्ध लगभग उतने ही एक्टिव केस हैं। अतः इन जिलों में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में 2460 एक्टिव केस हैं। सिर्फ 500 आईसीयू बैड है लेकिन जिस रफ्तार से कोरोना केस बढ़ रहे हैं, ये बहुत ही कम हैं। यही कारण है कि प्रदेश में 24-24 घंटे में कोरोना संक्रमितों को हॉस्पिटल में जगह नहीं मिल रही है व उसे स्वयं लाइन लगाकर बेड मांगना पड़ रहा है। ये सरकार की असंवेदनशीलता है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि पीपीई किट कांकेर में 308 और कोण्डागांव में 344 किट, दंतेवाड़ा में 675 मुंगेली में लगभग 900 किट दिये गये हैं। जो अत्यंत कम है। इसी कारण कोरोना वॉरियर्स संक्रमित हो रहे हैं। जबकि केन्द्र सरकार ने काफी संख्या में पीपीई किट उपलब्ध कराये हैं। इसी तरह पूरे प्रदेश में मास्क भी पर्याप्त नही है। एन-95 मास्क बस्तर में 174, दंतेवाड़ा में 337, दुर्ग जिले में 400 और बलरामपुर में लगभग 500 किट उपलब्ध कराये गये है ।इसी प्रकार दवाइयों की उपलब्धता भी कम है। श्री कौशिक ने लॉकडाउन के खुले उल्लंघन को लेकर भी प्रदेश सरकार और कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा और कहा कि निगम-मंडल के अध्यक्षों के पदभार ग्रहण में 04-04 मंत्रीगण गये थे जबकि प्रदेश में लॉकडाउन था। इस प्रकर सरकार स्वयं नियम बनाती है और नियम तोड़ती है और जनता से अपेक्षा करती है कि वह लॉकडाउन का पालन करे। श्री कौशिक ने ज़ोर देकर दुहराया कि कुल मृत 39 व्यक्तियों के परिजनों को मुआवजा देना चाहिए क्योंकि ये मौतें सरकार की लापरवाही के कारण ही हुई हैंl श्री कौशिक ने बताया कि बिहार सरकार ने आज स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए विशेष पेंशन योजना जारी की है जिसमें यदि किसी कोरोना वारियर्स की आकस्मिक मृत्यु होती है तो उसके परिजन को अनुकंपा नियुक्ति तत्काल दी जाएगी और यदि कोई अनुकंपा नियुक्ति नहीं लेते हैं तो जब तक उसकी सेवानिवृत्ति की आयु थी तब तक पूरा वेतन दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ में भी इसे लागू करना चाहिएl
श्री कौशिक ने कहा कि अब प्रदेश सरकार की तरफ से निजी अस्पतालों में कोरोना के उपचार की बात कही जा रही है। इस बात पर भी चिंता करने की जरूरत है कि इन अस्पतालों में मरीजों से अधिक राशि न ली जाए। इसे लेकर भी एक नियंत्रण कमेटी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर्स फंड से जो करोड़ों रुपए प्राप्त हुए हैं, उनमें से कितनी राशि राज्य सरकार द्वारा कोरोना से लड़ाई के लिए जारी की गई है यह बताना चाहिए। एक तरफ यह कहते हैं कि प्रधानमंत्री मदद नहीं कर रहे हैं दूसरी तरफ पीएम केयर्स की राशि का भी उपयोग नहीं किया जा रहा है। श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कोरोना से निपटने के सुझाव दिए है। उसी तरह एक पत्र वह छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री को भी लिख देतीं ताकि यहां की गंभीर स्थिति भी बेहतर हो सके।