कोरोना लड़ाई में ज़ीरो साबित हुई प्रदेश सरकार का नकाब उतरा- सुनील सोनी

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कोविड इलाज का खर्च सरकार करे वहन

 

 

रायपुर —  रायपुर लोकसभा सांसद सुनील सोनी ने प्रदेश में कोरोना के लगातार विस्तार पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश सरकार को कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में ज़ीरो साबित होना बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में 20 हजार बिस्तर और पर्याप्त व्यवस्था का दावा करने वाली प्रदेश सरकार के राजधानी में लगभग बारह सौ कोविड मरीजों को बिस्तर तक उपलब्ध करवाने में हाथ पैर फूल रहे है। कोविड की लड़ाई में अपनी पीठ स्वयं थपथपाने वालीप्रदेश सरकार के चेहरे से झुठ का नकाब उतर चुका है, जिसका प्रमाण राजधानी में कोविड पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल ले जाने एम्बुलेंस तक उपलब्ध न करवा पाने वाली प्रदेश सरकार ने स्वयं दे दिया है। प्रदेश में पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट विलंब से मिल रही है। पॉजिटिव मरीज तीन तीन दिन सिर्फ एम्बुलेंस का इंतजार कर रहे है यह कैसी व्यवस्था है। प्रदेश सरकार की लचर व्यवस्था के चलते मरीज, परिजनों, आसपड़ोस सहित शहर में भय व्यप्त हो रहा है। यह सरकार कोरोना से लड़ाई लड़ने का कार्य कर रही है या ऐसी लचर व्यवस्था दे कर भय व्याप्त करने का काम कर रही है। बड़े बड़े दावे करने वाली प्रदेश सरकार एक समय में कोरोना पर विजय घोषित करने ही वाली थी शायद इसी लिए 13 योद्धाओं का चेहरा भी हमने उस वक़्त देखा था जो आज अपनी सरकार की तरह ज़ीरो ही साबित हो रहे है।

रायपुर लोकसभा के सांसद सुनील सोनी ने प्रदेश सरकार से पूछा है कि बीते 3 दिनों में कोरोना के विस्तार को देखते हुए एम्स ने 100 बिस्तर बढ़ा कर अपनी गंभीरता और सजगता का परिचय दिया है प्रदेश सरकार ने बीते महीनों में क्या किया? क्या व्यवस्था की है बताएं? बीस हजार बिस्तर का दावा क्या ऐसे ही कर दिया था जबकि मरीजों को एम्बुलेंस तक उपलब्ध नहीं करवा पा रही है प्रदेश सरकार? प्रदेश सरकार स्पष्ठ करे क्या तैयारी है? कही प्रदेश सरकार प्रदेश की जनता से खिलवाड़ तो नहीं कर रही है? सांसद सुनील सोनी ने कहा कि यह प्रश्न आज इसलिए खड़े हो रहे है क्योंकि प्रदेश सरकार ने बड़े बड़े दावे किए थे और कोरोना लड़ाई की हर परिस्तिथि से लड़ने सक्षम होने का दावा किया था। आज सुविधा के आभाव में बेनकाब हो चुकी प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों में इलाज की बात कर रही है क्यों? प्रदेश सरकार स्पष्ठ करे निजी अस्पतालों में इलाज की आवश्यकता क्यों? क्या सरकार इसे अपनी विफलता और बड़े बड़े दावों की पोल खुलना नहीं मानती है? इलाज की क्या व्यवस्था होगी? निजी अस्पतालों में इलाज का खर्च कौन वहन करेगा? निजी अस्पतालों में इलाज का खर्चा कितना होगा? सांसद सोनी ने कहा कि प्रदेश सरकार की नीति और लापरवाही के चलते यह स्तिथि निर्मित हुई है प्रारंभ से ही हमने सरकार को सजग करने का प्रयास किया हम पर राजनीति का आरोप लगाने वाले आज भी राजनीति ही कर राहे है। टेस्टिंग से लेकर इलाज तक सब एम्स के भरोसे छोड़ कर चलने वाली प्रदेश सरकार आज प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे छोड़ने की स्तिथि में है। उन्होंने प्रदेश सरकार से पूछा है कि कोरोना लड़ाई के शुरुआत से ही एम्स ने प्रदेश को संभाला प्रदेश सरकार ने इस दौरान क्या तैयारियां की जो आज निजी अस्पतालों की तरफ जाना पड़ रहा है? टेस्टिंग को लेकर भी प्रदेश सरकार आज भी लापरवाह ही नजर आती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निजी अस्पताल में इलाज का व्यय स्वयं वहन करे।प्रदेश सरकार में आने के बाद सरकार के जिम्मेदार कहा करते थे कि गंभीर बीमारियों में 20 लाख तक का इलाज सरकार मुफ्त करवाएगी। कोरोना एक गंभीर बीमारी है और सरकार को अपने कथनानुसार कम से कम इस संकट की घड़ी में गम्भीर बीमारी का इलाज मुफ़्त करना ही चाहिए।

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