सरकार कारगर कार्रवाई करे, अपनी ज़वाबदेही स्वीकार करे और सरपंच-सचिव पर अपने नाकारेपन का ठीकरा न फोड़े — उपासने

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गौ-धन की मौत के लिए सरपंच-सचिव पर ज़िम्मा थोपकर सरकार का अपनी ज़वाबदेही से मुँह मोड़ना शर्मनाक : भाजपा

नेतृत्वहीन और राज्य की कंफ़्यूज़्ड सरकार की हर योजना बदनीयती और कुनीतियों की प्रतीक बनकर रह गई है

 

 

 

रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने तखतपुर ब्लाक के ग्राम मेड़पार बाजार में हुई गौ-धन की मौत की दु:खद घटना के परिप्रेक्ष्य में प्रदेश सरकार द्वारा सरपंच और पंचायत सचिव पर ज़िम्मा थोपे जाने और अपनी ज़वाबदेही से मुँह मोड़ने पर के कृत्य को शर्मनाक बताकर इस पूरे मामले की ईमानदारी से जाँच कराने की ज़रूरत पर बल दिया है। श्री उपासने ने कहा कि राज्य सरकार इस तरह अपनी नाकामी का ठीकरा दूसरों के सिर फोड़कर अपनी ज़वाबदेही से पल्ला नहीं झाड़ सकती।राज्य सरकार गायों की मौत पर मुआवजा की घोषणा कर गो-पालको को फौरी राहत देवे ।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि मेड़पार बाजार की दु:खद घटना यक़ीनन प्रदेश सरकार के नाकारेपन की एक ऐसी मिसाल है जिसने न केवल प्रदेश की ग्राम्य-संस्कृति और परंपराओं का कांग्रेसीकरण कर उसे बदनाम करने की घिनौनी मानसिकता को बेनक़ाब किया है, अपितु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सत्तालोलुपता से उपजी सियासी लफ्फाजियों के चलते प्रदेश की जनभावनाओं से हो रहे खिलवाड़ पर से पर्दा हटाया है। श्री उपासने ने कहा कि नेतृत्वहीन और अपने आप में कंफ़्यूज़्ड प्रदेश सरकार की हर योजना उसके राजनीतिक चरित्र में रची-बसी बदनीयती और कुनीतियों की प्रतीक बनकर रह गई है। नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी योजना के बुरे हश्र और गौठानों की बदइंतज़ामी व बदहाली से सबक लेने के बजाय प्रदेश सरकार ने बिना कोई विचार किए एक और रोका-छेका योजना प्रदेश पर थोप दी जो दीग़र योजनाओं की तरह औंधे मुँह गिर पड़ी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि गौठानों के नाम पर मुख्यमंत्री बघेल ने जितनी ऊर्जा शोर मचाने में खर्च की है, उसकी आधी ऊर्जा भी यदि वे इन गौठानों की अच्छी व्यवस्था बनाने में खर्च करते तो पशुधन की लगातार हो रहीं मौतें प्रदेश को चिंतित और विचलित नहीं करतीं। पर जिस सरकार के पास सत्तालोलुपता के अलावा कोई विचार और दृष्टिकोण ही नहीं है, उससे हवा-हवाई बातों के जमाखर्च और झूठी वाहवाही के अलावा कोई और अपेक्षा रखना बेमानी है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार आधी-अधूरी तैयारियों के साथ योजनाएँ लागू कर रही है, लेकिन उन योजनाओं के ब्ल्यू-प्रिंट के बारे में प्रदेश को अनभिज्ञ रखा जा रहा है। सरकार से ब्लू प्रिंट की जानकारी मांगने पर विपक्ष को ब्लैक प्रिंट की धमकी देकर आवाज़ दबाने की नाकाम कोशिश की जाती है। श्री उपासने ने चेतावनी दी कि विपक्ष को ब्लैक प्रिंट की धमकी देने के बजाय मेड़पार बाजार में लगभग 70 से अधिक गायों की मौत की सूचना पर कारगर कार्रवाई करे और अपनी ज़वाबदेही स्वीकार कर सरपंच-सचिव पर अपने नाकारेपन का ठीकरा फोड़ने से बाज आए।

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