भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का तंज : बिस्तरों की सुविधा के अलावा बाकी सुविधाएँ मुहैया करने के सरकारी दावे महज़ हवा-हवाई हैं।

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कोविड सेंटर्स में भी अब अव्यवस्था के चलते मरीज़ों का ठीक से इलाज नहीं, मरीज़ अस्पतालों से भाग रहे : भाजपा

कोविड-19 सेंटर्स में बदइंतज़ामी से परेशान होकर मरीज़ अब अपनी व्यथा विभिन्न माध्यमों से लोगों तक पहुँचा रहे : साय

महामारी को लेकर सरकार की लापरवाही के चलते दिल्ली-मुंबई जैसे हालात छत्तीसगढ़ में भी होते देर नहीं लगेगी

 

 

रायपुर —  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के लगातार भयावह स्तर तक पहुँचने के बाद भी प्रदेश सरकार की इससे निपटने की क्या योजना है, सरकार किस रणनीति से इस पर रोकथाम लगाने का काम कर रही है, इसका कोई रोडमैप अब तक सामने नहीं आना बेहद चिंताजनक है। श्री साय ने आरोप लगाया कि प्रदेश में कोविड-19 सेंटर्स भी अब अव्यवस्थाओं के चलते मरीज़ों की परेशानी बढ़ा रहे हैं और अब इन कोविड सेंटर्स से भी मरीज़ों के भागने और भागने का प्रयास करने की ख़बरें मिलने लगी हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि कोरोना संक्रमण के इस भयावह दौर में भी प्रदेश सरकार जिस तरह लापरवाही का परिचय दे रही है, उससे एक ओर कोरोना के मरीज़ त्रस्त हैं और दूसरी तरफ कांग्रेस व सरकार के लोग अपनी सियासत में मस्त हैं। श्री साय ने कहा कि अब बिना देर किए प्रदेश सरकार को कोरोना की रोकथाम की अपनी तैयारियों से प्रदेश को अवगत कराना चाहिए, अन्यथा सरकार की लापरवाही के चलते प्रदेश की हालत दिल्ली-मुंबई जैसी होते देर नहीं लगेगी क्योंकि कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश सरकार अब तक संजीदा नहीं दिख रही है। श्री साय ने कहा कि यदि समय रहते राज्य सरकार इस महामारी से निपटने की तैयारी कर लेती, सबको विश्वास में लेकर सबके साथ मिलकर इससे मुक़ाबले की तैयारी करती तो प्रदेश के हालात इतने भयावह नहीं होते।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि आज प्रदेश में हालात ये हैं कि एक तो कोरोना संक्रमितों को उपचार के लिए अस्पतालों में बड़ी मुश्क़िल से प्रवेश मिल पा रहा है, और दूसरे जो मरीज कोविड-19 सेंटर्स में इलाज करा रहे हैं, वे इन सेंटर्स की बदइंतज़ामी से खासे परेशान हैं। वहाँ भर्ती मरीज़ अपनी व्यथा विभिन्न माध्यमों से लोगों तक पहुँचा रहे हैं कि वहाँ न तो उनके खाने-पीने का कोई पुख़्ता इंतज़ाम है, न उनके इलाज के प्रति गंभीरता दिखाई जा रही है। बिस्तरों की सुविधा के अलावा बाकी सुविधाएँ मुहैया करने के सरकारी दावे महज़ हवा-हवाई हैं। इन सेंटर्स में सरकार ने इलाज के लिए डॉक्टर्स-नर्सेस तक मुहैया नहीं कराए हैं। आपात मरीज़ भी इन सेंटर्स में सुविधाओं के मोहताज़ हैं। सरकार उन मरीज़ों की चिंता नहीं कर रही है। नतीजतन इन कोविड-19 सेंटर्स से भी मरीज़ों के भागने और भागने का प्रयास करने की ख़बरे प्रकाश में आ रही हैं। श्री साय ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि यदि इन सेंटर्स में भी कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर सरकार गंभीर नहीं है तो फिर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कैसे रुकेगा?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि टेस्ट की संख्या नहीं बढ़ाने, टेस्टिंग लैब नहीं बढ़ाने के कारण इन संदिग्धों व मरीजों की जाँच रिपोर्ट भी समय पर नहीं आ रही है जिससे कोरोना के संक्रमण का ख़तरा और अधिक बढ़ता जा रहा है। कई मामलों में तो मौत के बाद संदिग्धों की कोरोना पॉज़ीटिव रिपोर्ट आई है! श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार न तो कोरोना की टेस्टिंग के मामले में गंभीर है और न ही अब वह मरीज़ों के उपचार को लेकर चिंता कर रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की तेज़ रफ़्तार ने सबकी चिंता बढ़ा रखी है लेकिन प्रदेश सरकार अब भी सियासी ड्रामेबाजी से बाज नहीं आ रही है। प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स आज भी नारकीय यंत्रणा और अस्वाभाविक मौतों के सेंटर बने हुए हैं। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार को कोरोना की रोकथाम को अपनी प्रथमिकता में रखना चाहिए था लेकिन अपने ही अहंकार में चूर इस प्रदेश सरकार ने झूठ-फ़रेब की सियासत में मशगूल रहकर न तो समय पर टेस्टिंग लैब बढ़ाए, न कोविड अस्पतालों की व्यवस्था की और न ही उसे स्वास्थ्य विभाग में समय रहते रिक्त पदों पर भर्तियों की सुध आई।

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