बिना सिम्टम्स वाले पॉजिटिव मरीजो को उनके घर पर ही रखकर किया जाए इलाज – आनंद सिंह
सरकारी खर्च में होगी कटौती- शिकायत व विवाद की स्थिति होगी खत्म ।
पॉजिटिव मरीजो उनके परिजनों का लिखित सहमति शपथ पत्र भरा जावे ।
कानूनी बाध्यता व महामारी एक्ट के तहत बने कानून अनुरूप व्यवस्था हो ।
स्वास्थ अमले के द्वारा प्रति 4-5 दिनों की दवा उन्हें दी जाए दवा खत्म होने पर पुनः दवा की कोर्स कम्प्लीट करे व वाटशप ग्रुप बनाकर उनकी स्थिति पर नजर रखी जाए ।
व्यवस्था बिना सिम्टम्स वाले मरीजो के लिए ही हो व गंभीर सिम्टम्स वाले मरीजो को रायपुर एम्स या अन्य हॉस्पिटल रिफर किया जाए ।
पंडरिया — देश सहित प्रदेश इस कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है जहां स्वास्थ अमला लगातार प्रयास में है कि जल्द से जल्द जांच हो व मरीजो का इलाज हो वही शाशन भी अपने स्तर पर कोशिस में लगा है परन्तु पॉजिटिव केस निकलते ही मरीजो और उनके परिजनों को अंदर एक अलग सी चिंता सताने लगती है वह चिंता पॉजिटिव संक्रमण की नही अपितु सरकारी व्यवस्थाओं की होती है क्योंकि हम आप लगातार समाचार, सोशल मीडिया और टीवी में देख रहे है की जहाँ मरीजो को रखा जा रहा है वहा कई असुविधाएं है चाहे खाने की क्वालटी की बात हो या रहने, नहाने, दवा, सौच सहित अन्य दैनिक दिनचर्या से संबंधित समस्या जिससे मरीज व उनके परिजन परेशान हो रहे है व विवाद अराजकता की स्थिति बनती जा रही है और तो और इन कारणों के चलते संक्रमित लोगो द्वारा अपने परिवार को टेस्ट के लिए ना भेजना भी दुर्भाग्य पूर्ण है जिसका कारण सिर्फ यही सब अव्यवस्था है ।
चूंकि हमारे कबीरधाम जिले के सबसे ज्यादा पॉजिटिव केस आने वाले ब्लाक पंडरिया में भी मरीजो के परिजन टेस्ट के लिए सामने नही आ रहे है अतःआम जनता व प्रमुख समाज सेवक व वरिष्ट जनो के साथ साथ हमारी शाशन – प्रसाशन से मांग है कि इस स्थिति को सुधारते हुवे बड़े सहरों के तर्ज पर लागू नियमो के आधार से पॉजिटिव मरीजो के लिखित शपथ पत्र व कानूनी बाध्यता निर्धारित करते हुवे मरीजो को उनकी इक्षा अनुसार व्यवस्था देखकर उन्हें उनके घरों पर ही रख कर इलाज करवाया जाए ताकि स्थिति और न बिगड़े ।
इस कार्य से सरकारी खर्चो में भी कटौती होगी साथ ही साथ मरीजो की मानसिक, शाररीक स्थिति में सुधार के साथ दवाओं का असर जल्दी होगा व मरीज जल्द स्वस्थ होकर सपरिवार खुश रह सकेंगे।