पहली बार आज़ाद हुई है शिक्षा आज़ादी के बाद – उपासने

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रायपुर — भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश नितिन त्रिवेदी द्वारा केंद्र शासन द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति पर की गई टिप्पणी को घोर आपत्तिजनक बताते हुए कहा की आजादी के बाद से कांग्रेसी सरकारों ने लगातार शिक्षा नीति को प्रयोग की धर्मशाला बना रखा था जिसके कारण देश में रोजगारोन्मुखी शिक्षा के अभाव में देश में बेरोजगारों व अशिक्षितों की एक बड़ी फौज खड़ी है, जिसके लिए पूर्व कांग्रेसी सरकारें पूर्णतया दोषी हैं। उपासने ने कहा कि प्रदेश में 34 वर्ष पहले इंदिरा गांधी की हत्या के बाद पहली बार जो जनरल प्रमोशन दिया गया वह पीढ़ी आज भी कांग्रेस को कोस रही है, जिनका भविष्य अर्जुन सिंह के सरकार ने बर्बाद कर दिया। कांग्रेस शासन में संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था की बर्बादी की गई, 70 से 80 के दशक में तो शालाओं में अंग्रेजी की अनिवार्यता ही समाप्त कर दी गई। वह पीढ़ी व बाद की पीढियां भी अंग्रेजी के ज्ञान के अभाव में ना तो प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग ले पाई और अंग्रेजी ज्ञान के अभाव में आज भी स्वयं को अपमानित महसूस करती है। प्रदेश से बाहर अन्य प्रांतों में छत्तीसगढ़ के उन युवाओं को अंग्रेजी के अभाव में अपमानित होना पड़ा है। उपासने ने कहा कि त्रिवेदी पहले अपने सरकार की शिक्षा व्यवस्था के साथ-साथ युवाओं के भविष्य के साथ वर्षों तक किए गए छलावा व खिलवाड़ के इतिहास का अध्ययन करें फिर नई शिक्षा नीति पर कोई विचार व्यक्त करें, उन्होंने कहा कि पीढियां की पीढ़ियां कांग्रेस सरकारों की शिक्षा नीति की असफलता के कारण बेरोजगारी की शिकार हो गई। शासकीय नौकरियों को भी वर्षों प्रतिबंधित कर दिया गया। दिग्विजय सिंह के राज में अविभाजित मध्य प्रदेश की शिक्षा नीति में वोकेशनल ट्रेनिंग का कोर्स में लाया गया पर न तो टेक्निकल शिक्षकों की भर्ती की गई ना उन्हें कम्प्यूटर ही उपलब्ध कराए गए वह पीढ़ी भी आज अपने आप को व कांग्रेस को कोस रही है। आज युवाओं की उम्मीदों को साकार करने वाली शिक्षा नीति मोदी सरकार ने लायी है जिससे युवा पीढ़ी पढ़ाई पूर्ण होते होते ही रोजगार भी प्राप्त कर सकेगा, संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का सरलीकरण किया गया है तो निश्चित ही असफल कांग्रेसियों के पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। उपासने ने मोदी सरकार द्वारा घोषित इस शिक्षा नीति पर कहा कि आजादी के बाद आज पहली बार शिक्षा आजाद हुई है।

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