जाला लगे ख़राब चावल को राशन दुकानों में खपाने की कोशिश जनस्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ – भाजपा
जाँच दल, उसके कामकाज और दोषियों पर कार्रवाई नहीं करने पर भाजपा प्रवक्ता ने उठाए सवाल
उपासने ने कहा : चावल की पहले लैब में जाँच कराएँ ताकि यह पता चल सके कि यह चावल खाने योग्य है या नहीं?
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने सरगुजा संभाग में गोदामों में पड़े जाला लगे ख़राब चावल को राशन दुकानों में खपाने की कोशिशों को जनस्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ बताया है। श्री उपासने कहा कि वाड्रफनगर बलॉक के प्रेमनगर में स्थित नान गोदाम में मिले करोड़ों रुपए मूल्य के 16 हज़ार बोरी ख़राब चावल का निराकरण अब तक नहीं होना किसी बड़े घोटाले का संकेत कर रहा है क्योंकि पिछले छह माह में विभिन्न टीमों ने इस शिकायत के मिलने के बाद चावल के नमूने लिए पर आज तक किसी ने भी उसकी जाँच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि नागरिक आपूर्ति निगम के प्रेमनगर गोदाम में बलरामपुर-रामानुजगंज ज़िले के 18 राइस मिलर्स के कस्टम मिलिंग के चावल का भंडारण किया गया है, लेकिन अधिकारियों ने न तो भंडारण के समय ज़रूरी दवा आदि का छिड़काव कराया और न ही समय पर उनकी पीडीएस दुकानों को आपूर्ति की गई जबकि इसके बाद के भंडारित चावल पीडीएस दुकानों को भेजा जाता रहा। श्री उपासने ने कहा कि बाद में जब इन पूर्व भंडारित चावल की आपूर्ति की गई तो राशन दुकानदार चावल के खराब होने की शिकायत कर वापस लौटाने लगे, तब अधिकारियों ने इस चावल को सुखाकर साफ कराया। यह बात सामने आते ही राज्यस्तरीय टीम जाँच के लिए पहुँची जबकि कलेक्टर ने अपने स्तर पर एसडीएम से भी जाँच कराई थी। शुरुआती खानापूर्ति के बाद जाँच की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है और साफ कराए गए चावल में फिर से जाले पड़ गए!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि अभी एक और गठित आठ सदस्यीय जाँच दल को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जाँच दल में शामिल शाखा प्रबंधक इस मामले में निलंबित हैं जबकि गुणवत्ता निरीक्षक महिला अधिकारी की संविदा नियुक्ति की अवधि बीत चुकी है। श्री उपासने ने आशंका जताई है कि जाँच के नाम पर इस तरह की टीम बनाकर क्या इस पूरे घोटाले पर लीपीपोती करने और दोषी अधिकारियों को क्लीन चिट देने की कोशिश की जा रही है? इस पूरे मानले में नान अधिकारियों की लापरवाही के चलते चावल ख़राब होने की बात कही जा रही है, लेकिन जाँच दल पर उन तथ्यों को अनदेखा करने की तोहमत भी लग रही है। जाँच के नाम पर खानापूर्ति कर दोषी अधिकारियों को सिर्फ नोटिस थमाने और ज़वाब मिलने के बाद उन्हें स्थानांतरित करने का काम भर हुआ है जबकि इतने बड़े मामले की गंभीरता से जाँच और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने आरोप लगाया कि विभाग बिना जाँच पड़ताल किए अपने जाँच दल की रिपोर्ट के आधार पर इस चावल को राशन दुकानों मे खपाने की तैयारी कर रहा है। प्रदेश सरकार को इस मामले में संज्ञान लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करनी चाहिए। प्रदेश में हर वर्ष अधिकारियों की उदासीनता और प्रदेश सरकार की लापरवाही के चलते लाखों टन अनाज यूँ ही बर्बाद होता है, चाहे वह किसानों से खरीदा गया धान हो या गोदामों में भंडारित अनाज। श्री उपासने ने कहा कि नान अधिकारियों द्वारा इस खराब चावल को राशन दुकानों में खपाने की कोशिश करना प्रदेश के जनस्वास्थ्य के साथ क्रूर खिलवाड़ करना होगा। करोड़ों रुपए के इस चावल की पहले लैब में जाँच कराई जानी चाहिए ताकि यह पता चल सके कि यह चावल खाने योग्य है या नहीं?