आयुर्वेदिक अस्पताल में ओपीडी की वैकिल्पक व्यवस्था शुरू, दो दिन में 250 से अधिक मरीज हुए लाभांवित ।
रायपुर, 5 अगस्त 2020 — राजधानी के खुदादाद डूंगाजी शासकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में ओपीडी वैकिल्पक व्यवस्था मंगलवार से मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने शुरु की है। आयुर्वेदिक कॉलेज परिसर में दो दिनों से चालू सामान्य ओपीडी में महिला व पुरुष मरीजों के लिए अलग-अलग डॉक्टरों की टीम मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सामान्य ओपीडी में मंगलवार और बुधवार को 250 से अधिक मरीज लाभांवित हुए। आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जीएस बघेल ने बताया, आयुर्वेदिक अस्पताल की आईपीडी व ओपीडी वार्ड को स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 अस्पताल का वार्ड बनाए जाने के बाद से 28 जुलाई से 3 अगस्त तक ओपीडी प्रभावित रही। डॉ बघेल का है कोरोना संकट के बीच नॉन कोविड के मरीजों को परेशानी न हो इसके लिए वैकिल्पक व्यवस्था शुरु की गई है। इससे आयुर्वेदिक पद्वति से इलाज कराने वाले मरीजों को दवाएं और डॉक्टरों से परामर्श भी मिल सकेंगे। कॉलेज के भवन में ओपीडी का संचालन 4 अगस्त से सुबह 9:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक नियमित रूप से शुरू किया गया है ।
ओपीडी की वैकिल्पक व्यवस्था शुरू होने से आयुर्वेदिक अस्पताल में आने वाले प्रतिदिन 250 से अधिक मरीजों को डिस्पेंसरी खुलने से निशुल्क औषधियों का लाभ मिलने लगेगा। डिस्पेंसरी की औषधियों को कॉलेज के फिजीयोलॉजी हॉल में शिफ़ट किया गया है। ताकि दवाओं के लिए मरीजों व पेंशनरों को यहां वहां भटकने की जरुरत न पड़े। ताकि आयुर्वेद के इलाज में सेवा ले रहे मरीजों का चिकित्सकों का परामर्श का लाभ मिल सके । ओपीडी में इलाज कराने आए हीरापुर निवासी 40 वर्षीय प्रेमलाल साहू ने बताया, उन्हें पक्षाघात की शिकायत है। यहां लगभग 3-4 महीने से इलाज चल रहा है। आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज का लाभ भी हुआ है। सप्ताह भर से ओपीडी बंद होने से दवा के लिए परेशानी हो रही थी। इसी तरह मुंगेली निवासी 52 वर्षीय रतन लाल उइके और उनकी 20 वर्षीया बेटी उर्मिला उइके को मधुमेह की बीमारी है। रतन लाल ने बताया काफी जगह भटकने के बाद आयुर्वेदिक दवाओं से उनको काफी राहत मिल रही है।
आयुर्वेदिक अस्पताल अधीक्षक डॉ पीके जोशी ने बताया ओपीडी कक्ष को कोविड-19 वार्ड में तब्दील कर 300 बेड का अस्पताल कोरोना मरीजों के लिए शुरु किया गया है। इसकी वजह से मरीजों की इलाज़ प्रभावित हो रहा था। आयुष संचालक जीएस बदेशा ने महाविद्यालय की मान्यता सहित पीजी करने वाले 70 छात्रों का रिसर्च वर्क प्रभावित ने हो इस लिए ओपीडी को नियमित रुप से प्रारंभ करने का निर्देष दिया है। डॉ जोशी ने बताया कि अस्पताल में चिकित्सा सेवा के लिए संचालित ओपीडी पंचकर्म,कायचिकित्सा, शल्य, बाल रोग, शालक्य, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के मरीजों का इलाज अभी सामान्य ओपीडी में ही होंगे। ओपीडी में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं की जांच नियमित रूप से होगा। अस्पताल में आने वाले मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। अस्पताल परिसर में गर्भवती महिलाओं के अलावा अन्य महिलायों को भी स्त्री रोग से संबंधित इलाज व परामर्श प्रदान किए जाएंगे ।