मितानिन घर-घर जाकर सिखा रहीं स्तनपान का तरीका… नियमित स्तनपान देता है शिशु को रोगों से लडने की शक्ति ।
रायपुर 6 अगस्त 2020 — प्रदेश में 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है ।इस बार विश्व स्तनपान सप्ताह की ग्लोबल थीम “सपोर्ट ब्रेस्टफीडिंग फॉर ए हेल्थीअर प्लानेट” है जो स्वस्थ और सेहतमंद विश्व के लिए स्तनपान के संकल्प पर रखी गई है। एएनएम, मितानिन और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सहयोग से अधिक से अधिक माताओं को स्तनपान कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
मातृ एवं शिशु अस्पताल कालीबाड़ी रायपुर में लॉकडाउन और अनलॉक के दौरान मार्च में 343 , अप्रैल में 359 , मई में 372, जून में 410, और जुलाई में 349 प्रसव हुए हैं जिसमें जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान आरंभ करवाया गया है ।
शहरी कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती ज्योत्सना ग्वाल ने बताया बिरगॉव और उरला क्षेत्र में एएनएम, मितानिन और आंगनबाड़ी गर्भवती महिलाओं और शिशुवतियों के घर जाकर पूरे परिवार को स्तनपान पर परामर्श देती है।नवजात शिशुओं को जन्म के 1 घंटे के भीतर स्तनपान आरंभ कराना चाहिए और शिशु को 6 माह तक केवल स्तनपान ही कराना चाहिए ।इसके अलावा शिशु को 6 माह पूरे होने पर संपूरक आहार डॉक्टर की सलाह से देना आरंभ किया जाना चाहिए । साथ ही शिशु को 2 वर्ष तक माताएं स्तनपान कराना जारी रखें जो बच्चे के लिए सबसे अच्छा होता है ।
स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं लक्ष्य कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. निर्मला यादव ने बताया लेबर रुम से ही स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया आरंभ हो जाती है । नर्सिंग स्टाफ जन्म के 1 घण्टे के भीतर मां को स्तनपान कराने के लियें प्रोत्साहित करती है । नवजात की मां को स्तनपान कराने का सही तरीका भी सिखाया जाता है ताकि शिशु को स्तनपान के दौरान कोई कठिनाई ना हो ।उन्हें बताया जाता कि संक्रमण की स्थिति में भी बच्चे को माँ का दूध पिलाना सुरक्षित होता है। माता-पिता को बताया जाता है, कि दो वर्ष तक स्तनपान हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और नियमित स्तनपान शिशु को रोगों से लडने की शक्ति देता है । स्तनपान मां और बच्चे के स्वस्थ रहने का आधार भी है। स्तनपान से मां और बच्चे को होने वाले फायदे के बारे में भी बताते है । भूखा होने पर बच्चे के संकेतों को पहचानना भी सिखाया जाता है ।
मातृ एवं शिशु अस्पताल कालीबाड़ी में ओपीडी के लियें आने वाली शिशुवती माताओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर (स्तनपान स्थल ) का इस्तेमाल भी नियमित रूप से हो रहा है । कोविड-19 के संक्रमण के दौर में नियमित रूप से सैनिटाइजेशन किया जाता है । शिशुवती माताओं का टेंपरेचर लेने के बाद ब्रेस्टफीडिंग कॉर्नर ((स्तनपान स्थल) में स्तनपान कराने के लिए भेजा जाता है । यदि टेंपरेचर सामान्य से अधिक है माता या बच्चे को सर्दी खॉसी है तो उन्हें अलग स्थान पर फीडिंग कराने की सलाह दी जाती है । साथ ही उनकी जांच भी करवाई जाती है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके ।
मितानिन नेहा सिंह ने बताया 1 से 7 अगस्त तक चलाए जा रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत नियमित रूप से शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं के घर जाकर स्तनपान के लाभ के बारे में बताया जा रहा है । स्तनपान से शिशुओं को होने वाले शारीरिक लाभ के बारे में भी जानकारी दी जाती है । कोविड-19 के दिशा निर्देशों के बारे में भी शिशुवती माताओं को बताया जाता है । विशेष रुप से शिशुवती माताओं को स्तनपान कराने से पूर्व हाथ को अच्छे से साबुन से धोना स्तन को साफ कपड़े से पोछना (संभव हो तो निप्पल को धो लें ) बच्चे को 6 माह तक नियमित रूप से स्तनपान कराना बच्चों को चुसनी, रबर निप्पल या अन्य चबाने वाले मुलायम खिलौने ना देने की सलाह दी जाती है । कोविड-19 के दौरान गर्भवती और शिशुवती माताओं को शारीरिक दूरी बनाए रखने की सलाह भी दी जाती है ताकि स्वयं और बच्चा भी संक्रमण से मुक्त रहें ।