छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ में चल रहा बड़ा खेल.. पद जाने के बाद भी पूर्व अध्यक्ष का दबदबा कायम।
अधिकारी, कर्मचारी की मिली भगत का अनुमान
जब खुद अपने ही लुटिया डूबोने मे लगे हो तो प्रतिद्वंदी को तो फायदा होना तय
रायपुर — छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ मे चल रहे गड़बड़ झाला कारनामों के कारण दुग्ध महासंघ हमेशा सुर्खियों में रहा है , चाहे वो भाजपा शासित अध्यक्ष हो या त्योहारों में देवभोग के दुग्ध उत्पाद बाजार से गायब होना क्यों न हो। आप यदि देवभोग के नियमित उपभोक्ता है और रक्षाबंधन, होली, दशहरा, दीपावली में आपको अपने ही पंसदीदा ब्रांड की मिठाई, पनीर, खोआ न मिले तो सोचने का विषय हो जाता है , आखिर त्योहारों मे ही इस शासकीय ब्रांड का माल अचानक गायब कहा हो जाता है कौन ले जाता है इन्हें। इसमे खेल है चापलूसी और वाहवाही बटोरने का। देवभोग का पुरा प्रोजेक्ट दुग्ध महासंघ के संचालन मंडल, अधिकारी व कर्मचारी मिलकर मंत्री और नेताओं को खुश करने गिफ्ट कर देते है , इसलिए इसका उत्पाद छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं मिल पाता । जिस उपभोक्ताओं के दम पर देवभोग ब्रांड का संचालन और किसानों का भुगतान होता है उसी उपभोक्ता को धोखा दिया जाता है । इस रक्षाबंधन में भी किसी उपभोक्ता को देवभोग का पेड़ा नही मिल पाया। अब बात रायपुर दुग्ध संघ से छत्तीसगढ़ दुग्ध महासंघ के सफर की समझ से परे है किसानों से कम दाम में दूध संकलन कर छत्तीसगढ़ का दूध छत्तीसगढ़ में ही बेचकर और तो और दुसरे राज्य के कम्पनियों के बराबर दाम में बेचकर भी दुग्ध महासंघ भारी घाटा झेल रहा है। जब रायपुर दुग्ध संघ था 46 हजार लीटर दूध कि खपत सिर्फ रायपुर शहर में थी तो सोचिए पूरे छत्तीसगढ़ में कितनी होगी आज पुरे छत्तीसगढ़ मे भी 46 हजार लीटर दूध नही बेच पा रहा महासंघ। इस मामले मे हमारी टीम ने कुछ देवभोग के उपभोक्ताओं से संपर्क किया तो किसी ने दूध पतला होने तो किसी ने दूध मे पहले जैसे मलाई न आने की बात कही तो किसी ने सही समय पर प्रोजेक्ट उपलब्ध न होने की बात कही।
अब और आगे चलते है… भाजपा शासन काल मे वैटनरी विभाग मे गड़बड़ी करने के मामले मे सस्पेंडेड अधिकारी को दुग्ध महासंघ का प्रबंध संचालक बना दिया गया साथ में रसीक परमार को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया। विचार करने वाली बात यह है कि सस्पेंडेड अधिकारी को किसी विभाग के सर्वोच्च पद दे दिया गया साथ में भाजपा के दिग्गज नेताओं के करीबी अध्यक्ष दोनों कि जोड़ी खुब जमी और दोनों ने मिलकर बहुत सारे गुल खिलाए, चाहे वो केन घोटाला हो या सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बनाने का मामला हो , सुपर डिस्ट्रीब्यूटर ने तो दुग्ध महासंघ के पैसों का खुब दोहन किया । अरे भई करें भी क्यों ना सुपर डिस्ट्रीब्यूटर ( छत्तीसगढ़ एग्रो एंड मिल्क फेडरेशन, अध्यक्ष, जतीन राठौड़) अध्यक्ष के करीबी जो ठहरे । नतीजा आज यह है कि आज दिनांक तक पुराना बकाया वसुलने में नाकाम है दुग्ध महासंघ।
शेष खबर अगले कढ़ी में…
Taja Khabar के लिए शिव दत्ता की रिपोर्ट ।