आदिवासियों के पिछड़ेपन की ज़िम्मेदार कांग्रेस को आदिवासियों के नाम पर अनर्गल प्रलाप शोभा नहीं देता : भाजपा

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साय पर तानाकशी करने से पहले कांग्रेस के लोग अपना दामन झाँक लें तो उनकी करतूतें आसमान को भी रोने मज़बूर कर देंगीं

पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आदिवासियों के कल्याण की कई योजनाएँ शुरू कर स्वाभिमान और बेहतर जीवन का विश्वास बढ़ाया

गागड़ा का कटाक्ष : प्रदेश एक मंत्री डहरिया ने पंचर बनाने को रोज़गार बताया और मुख्यमंत्री गोबर बिनवाकर सालभर के रोज़गार के इंतज़ाम का शर्मनाक दावा कर रहे हैं!

 

 

रायपुर —  भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने कांग्रेस नेताओं के आदिवासियों के लिए बहाए जा रहे घड़ियाली आँसुओं पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि जिस कांग्रेस ने आदिवासियों को पिछड़ेपन और भुखमरी से उबरने नहीं दिया, उसे आदिवासियों के नाम पर अनर्गल प्रलाप करना शोभा नहीं देता। श्री गागड़ा ने कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय पर तानाकशी करने से पहले कांग्रेस के लोग अपना दामन झाँक लें तो उनकी करतूतें आसमान को भी रोने के लिए मज़बूर कर देंगीं।
पूर्व मंत्री श्री गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को अपने शासनकाल को नहीं भूलना चाहिए जब बस्तर से लेकर सरगुजा तक आदिवासी मूलभूत सुविधाओं रोटी, कपड़ा, मकान, बेहत शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक के मोहताज़ बनाकर रखे गए थे। अन्याय की पराकाष्ठा करने वाले कांग्रेस के सत्ताधीश आज भाजपा पर किस मुँह से आक्षेप कर रहे हैं जबकि कांग्रेस की मौज़ूदा प्रदेश सरकार भी आदिवासियों के साथ छल-कपट का व्यवहार कर रही है। श्री गागड़ा ने कहा कि आदिवासियों की धार्मिक भावनाओं के साथ हो रहे शर्मनाक खिलवाड़ तक को नहीं रोक पाने वाली कांग्रेस के नेता पहले यह बताएँ कि पिछले दो साल से आदिवासी तेंदूपत्ता संग्राहकों को बोनस अब तक क्यों नहीं मिला? इन आदिवासी संग्राहकों के वृद्ध लोगों की पेंशन और बच्चों की छात्रवृत्ति पिछले दो साल से क्यों रोक दी गई है? तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए नई बीमा योजना की नौटंकी रचकर आदिवासियों को भरमाने में जुटी कांग्रेस की प्रदेश सरकार ने पहले से चल रही बीमा योजना का समय पर नवीनीकरण क्यों नहीं कराया?
पूर्व मंत्री श्री गागड़ा ने कहा कि प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आदिवासियों के कल्याण के लिए ढेरों योजनाओं पर काम करके आदिवासियों के स्वाभिमान और बेहतर जीवन-यापन के विश्वास को बढ़ाया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने आदिवासियों को राजनीतिक इस्तेमाल की चीज नहीं माना बल्कि उन्हें विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का इतिहास रचा। श्री गागड़ा ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में इन आदिवासी इलाकों को एजुकेशन हब के तौर पर विकसित करके भाजपा ने ही धुर नक्सली क्षेत्रों में घुसकर शिक्षा का जो आलोक फैलाया है, उसकी रोशनी की चमक आज भी बस्तर से लेकर सरगुजा तक बिखरी हुई है। इसी तरह आदिवासियों के लिए रोज़गार के बेहतर अवसर मुहैया कराने, उनके लिए आवास का इंतज़ाम करने, पीडीएस की बेहतर कार्यप्रणाली विकसित करने और उनके नि:शुल्क इलाज की बेहतर व्यवस्था करने का जो काम भाजपा ने किया है, कांग्रेस के लोग तो उसकी कल्पना तक नहीं कर सकते। वे सिर्फ़ सत्ता-लोलुपता का ही प्रदर्शन कर सकते हैं।
पूर्व मंत्री श्री गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस के लोग झूठ का रायता फैलाकर दुष्प्रचार करके अब आदिवासियों को बहकाने में कभी क़ामयाब नहीं हो सकेंगे। भाजपा की पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने आपने शासनकाल में हर संभावनाओं को अवसर में बदलकर आदिवासियों को एक समर्थ जीवन-स्तर प्रदान किया था पर अपने 20 महीनों के शासनकाल में आदिवासियों के शोषण का वही चक्र फिर चलाने का काम किया है। शीशे के घर में रह रहे कांग्रेस के लोग ‘थोथा चना बाजै घना’ की कहावत चरितार्थ करके भाजपा शासन और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर तानाकशी करते ज़रा भी शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं! श्री गागड़ा ने कटाक्ष किया कि इसी प्रदेश सरकार के एक मंत्री शिव डहरिया ने आदिवासियों को पंचर बनाकर रोज़गार करने की नसीहत दी थी और आज उसी सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोबर बिनवाकर प्रदेश में सालभर के रोज़गार के इंतज़ाम का शर्मनाक दावा कर रहे हैं। श्री गागड़ा ने कहा कि कांग्रेस नेता आदिवासियों के विकास के लिए भाजपा की तारीफ़ भले न करें पर झूठ बोलने से बेहतर यही है कि वे चुप तो रह ही सकते हैं।

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