होम आइसोलेशन के लिए कोरोना पॉज़ीटिव को ही सारी औपचारिकता पूरी करने के लिए कहना अन्यायपूर्ण — उपासने
सरकार अपने नासमझीभरे प्रयोगों से प्रदेश को महामारी की अंधी सुरंग में धकेलने का काम कर रही : भाजपा
सरकार बताए, यदि दुगुने-तिगुने मरीज सामने आ रहे हैं तो उसके पखवाड़ेभर के लॉकडाउन का औचित्य क्या रह गया है?
रायपुर — भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार को देखकर गहरी चिंता जताई है और कहा कि प्रदेश में अब तक के सर्वाधिक 567 रिकॉर्ड कोरोना पॉज़ीटिव मरीज़ मिलने के बाद यह स्वयंप्रमाणित हो चला है कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के नाम पर अपने नासमझीभरे प्रयोगों के चलते प्रदेश को महामारी की अंधी सुरंग में धकेलने का काम कर रही है। श्री उपासने ने कहा कि अपनी संवेदनहीनता का शर्मनाक प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार अब होम आइसोलेशन के नाम पर भी कोरोना मरीजों को प्रताड़ित कर रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार के नाकारापन के चलते छत्तीसगढ़ आज कोरोना संक्रमण के विस्फोटक स्तर की त्रासदी झेल रहा है। कोरोना संक्रमण के फैलाव को देखकर प्रदेश सरकार ने पखवाड़ेभर का लॉकडाउन भी किया, लेकिन इस लॉकडाउन का प्रयोग इतना लिजलिजा था कि कोरोना का संक्रमण थमने के बजाय और बढ़ता ही चला गया। ज़िलेवार लॉकडाउन की व्यवस्था और शराब बेचने की सरकार की लोलुपता ने संक्रमण को पूरे प्रदेश में फैलने को मौक़ दिया है। श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार को इस बात का ज़वाब देना चाहिए कि यदि प्रदेश में दुगुनी-तिगुनी संख्या में कोरोना के पॉज़ीटिव मरीज सामने आ रहे हैं तो उसके पखवाड़ेभर के लॉकडाउन का औचित्य क्या रह गया है? लोगों को तक़लीफ़ देकर, उनके सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा करके, उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करके भी अगर प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण को फैलाव को रोकने में विफल नज़र आ रही है तो फिर सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह जाता है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि लॉकडाउन करके लोगों की तक़लीफ़ के बाद भी प्रदेश सरकार का वह रोडमैप कहीं नज़र नहीं आ रहा है कि कैसे वह इस संकट का मुक़ाबला करेगी? जब केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने लॉकडाउन घोषित किया था तब उसकी आलोचना करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लॉकडाउन का अधिकार मांग रहे थे और जब अधिकार मिला तो अपनी नासमझी का प्रदर्शन कर प्रदेश का बेड़ गर्क कर दिया। तो क्या, मुख्यमंत्री बघेल ने केंद्र सरकार से इसीलिए अधिकार मांगा था? क्या शराब बेचने और उसे अपनी जायज-नाजायज कमाई का ज़रिया बनाने की प्रदेश सरकार की लोलुपता राज्य के लोगों की सेहत से भी ज़्यादा बढ़कर है? श्री उपासने ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम, जाँच और उपचार जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार प्रदर्शित कर रही है। अब तो हालत यह हो चली है कि छत्तीसगढ़ में भी कोरोना से मृत लोगों के शवों का अंतिम संस्कार करने में तीन-चार दिन का समय लग रहा है!
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि पहले तो क्वारेंटाइन सेंटर्स ही वहाँ रखे गए लोगों की सर्पदंश और खुदकुशी के चलते अस्वाभाविक मौत के केंद्र बने हुए थे पर अब प्रदेश के कोविड-19 अस्पतालों में भी लोग आत्महत्या कर रहे हैं, दर्द और तक़लीफ़ से कराहते मरीजों को तड़प-तड़पकर मरने के लिए विवश होना पड़ रहा है। जाँच रिपोर्ट समय पर मिलने की बात तो दूर, मृत लोगों की जाँच रिपोर्ट तक कई-कई दिन नहीं मिल पा रही है! श्री उपासने ने प्रदेश सरकार को पूरी तरह संवेदनहीन बताते हुए कहा कि अब प्रदेश सरकार होम आइसोलेशन केनाम पर भी कोरोना मरीजों को प्रताड़ित करने पर आमादा है। जो लोग होम आइसोलेशन पर रह रहे हैं, उन्हें ही डॉक्टर ढूँढ़कर नगरनिगम द्वारा प्रदत्त फॉर्म भरवाने और हस्ताक्षर कराके नगरनिगम में जमा कराने को कहा जा रहा है। क़ायदे से होना यह है कि होम आइसोलेट मरीज के घर नगरनिगम का दस्ता जाकर मरीज और उसके घर का पूरी तरह मुआयने करके सारी औपचारिकता पूरी करे, लेकिन इसके बजाय कोरोना पॉज़ीटिव को ही सारी औपचारिकता पूरी करने के लिए कहना अन्यायपूर्ण है।