आईवाईसीएफ सप्ताह के तहत मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षकों का गृह भ्रमण।
शिशु व छोटे बच्चों के पोषण के प्रति हितग्राहियों में जागरूकता लाने घर-घर दस्तक
रायपुर, 29 अगस्त 2020 — शिशु एंव छोटे बच्चों के पोषण के प्रति जागरूक बढाने के लिए 24 अगस्त से 31 अगस्त तक इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग (आईवाईसीएफ) सप्ताह के तहत मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षक हितग्राहियों को जानकारी देने गृह भ्रमण कर रही हैं। गृहभेंट के दौरान कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए सोशल डिसटेंसिंग और सेनेटाइजर का इस्तेमाल भी किया जा रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पांडे ने बताया आईवीसीएफ सप्ताह के तहत गर्भवती महिलाओं, शिशुवती माताओं, 6 माह से ज्यादा उम्र के बच्चों की देखभाल, स्तनपान के साथ छोटे बच्चों के पूरक आहार के बारे में भी बताया जा रहा है। साथ ही शिशुवती माताओं को बच्चों की अच्छी सेहत व स्वस्थ्य बनाए रखने के लिए हाथ धुलाई करने के लिए जागरुक किया जा रहा है।
गृहभेंट के दौरान जच्चा –बच्चा कार्ड में उम्र के साथ टीकाकरण, स्तनपान में होने वाली भ्रांतियों को दूर करने पर चर्चा, स्तनपान कराने का तरीका व महिलाओं को किचन में मिलने वाले सब्जी में पोषण आहार के प्रति भी जागरुक किया जा रहा है। शिशुओं को 6 माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से होने वाले लाभ व महत्व को लेकर पोषण आहार की पूर्ति पर जागरूक किया जा रहा है। सात से 9 माह और 9 से 12 माह तथा 13 से 24 माह के बच्चों को मुनगा भाजी में मिलने वाले संपूर्ण आहार की मात्रा तथा बच्चों को खिलाने की समझाइश दी गई। इसके अलावा महिलाओं के आहार, स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता, गर्भावस्था व स्तनपान की अवधि में पोषण आहार से संबंधित आवश्यक चर्चा हितग्राहियों से की जा रही है।
राजधानी के गुढियारी सेक्टर के महिला पर्यवेक्षक श्रीमती रीता चौधरी, मितानिन लीला साहू और आंगनबाड़ी केंद्र अंबेडकरनगर में कार्यकर्ता प्रतिमा गजभिए द्वारा आज हितग्राही शिशुवती माता सुष्मिता जाल से गृहभेंट की। सुष्मिता का शिशु 20 दिन का है। श्रीमती चौधरी ने शिशु को स्तन से लगाने की सही तरीका, कम वजन वाले नवजात को स्तनपान कराये जाने की सही विधि, कंगारू मदर केयर द्वारा नवजात को संरक्षण देना आदि के बारे में बताया गया। साथ ही शिशुओं को शीघ्र एवं केवल स्तनपान, सतत स्तनपान कराना भी समझाया गया। घर पर बच्चों के लिए पोष्टिक आहार बनाने का तरीका बताया गया।