मध्यान्ह भोजन, छग देश मे अव्वल… आपदाकाल में ओछी राजनीति करने वाली भाजपा के मुंह पर करार तमाचा – कांग्रेस

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संकटकाल में भूपेश सरकार की संवेदनशीलता का परिणाम – कांग्रेस

देश की लगभग आधी आबादी कोरोना संक्रमित, बिगड़ते हालात के लिए भाजपा मोदी सरकार जिम्मेदार – घनश्याम तिवारी

 

 

रायपुर 16 सितंबर 2020 —  देश के छोटे राज्यों में एक छत्तीसगढ़ राज्य के 90% से अधिक स्कूली बच्चों को सूखा राशन वितरण में देश में प्रथम स्थान पाना कांग्रेस भूपेश सरकार की आपदाकाल में संवेदनशीलता को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने मध्यान भोजन वितरण देश में अव्वल आने पर कांग्रेस भूपेश सरकार को बधाई देते हुए कहा कि, संकटकाल के इस दौर में सरकार की संवेदनशीलता का आभार । छत्तीसगढ़ भाजपा वैश्विक महामारी कोरोना संकटकाल के वक्त भी झूठे और तथ्यविहीन आरोप लगाकर राजनीति करने से बाज नहीं आ रही, उस पर यह करारा तमाचा है।

पूर्ववर्ती 15 वर्षो की भाजपा रमन सरकार का स्वास्थ्य विभाग के प्रति असंवेदनशीलता ओर आपदकाल से निपटने की कोई ठोश नीति नही होने एवं व्यवस्थाओं के आभाव का नुकसान राज्य की जनता को उठाना पड़ रहा है वही दूसरी ओर भाजपाई विपदा के दौर में भी राजनीति करने से बाज़ नही आ रहे है, केंद्र की मोदी सरकार राज्य के साथ लगातार पक्षपात कर सौतेला व्यवहार कर रही है। GST की लगभग 29 सौ करोड़ राशि पिछले 6 माह की नहीं दी जा रही है, प्रदेश के 25 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि से नाम हटा दिये गये है, जबकि प्रदेश में 19.5 लाख पंजीयक किसान है। मजदूर कल्याण योजना से प्रदेश को अलग कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ भाजपा के 9 सांसद छत्तीसगढ़ के अधिकारों को मोदी सरकार के सामने रखने में असफल साबित हुए हैं भाजपा अपने असफल सांसदों की निष्क्रियता पर पर्दा डालने के लिए राज्य सरकार पर आरोप लगाकर इतिश्री कर लेती हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना संकटकाल में भी मध्यान भोजन योजना के क्रियान्वयन मैं छत्तीसगढ़ देश में अव्वल आना कांग्रेस भूपेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है। ऑक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल बंद होने से देश के 27 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए जबकि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट 2018 के तहत मध्यान भोजन प्रत्येक बच्चों का अधिकार है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस भूपेश सरकार ने कोविड-19 से उत्पन्न समस्याओं को पूर्व से ही भांप लिया था जिस का ही परिणाम रहा कि देश 22 मार्च को लॉकडाउन किया गया तो छत्तीसगढ़ 19 मार्च से ही लॉकडाउन के नियम लागू किए गए, लगातार राज्य सरकार प्रदेश की जनता का अनाज समय पूर्व वितरित करने का निर्णय लिया और यह फैसला किया कि राज्य में कोई भी व्यक्ति संकट के इस दौर में भूखा ना रहे चाहे अन्य प्रदेशों से आकर बसे राज्य के लोग, जिनके पास राशन कार्ड नहीं थे उन्हें भी राशन देने की व्यवस्था बनाई गयी। मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सूखा राशन घर-घर वितरण कर व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से की गई वितरित किए गए सूखा राशन पैकेट में चावल, तेल, सोयाबीन, दाल, नमक, और आचार शामिल थे, राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर स्कूली बच्चों और पलकों को की सुविधा देखते हुए यह व्यवस्था की गई यदि माता-पिता पैकेट लेने के लिए स्कूल नहीं जा सकते तो स्व, सहायता समूह और स्कूल स्टाफ के माध्यम से घर-घर जाकर सुखा राशन के पैकेट दिए गये, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्रों में गांव गांव में मुनादी कराई गई और सूखा राशन वितरित किया गया इस योजना से राज्य के लगभग 40 हजार स्कूलों में 29 लाख बच्चों को मध्यान्ह भोजन की योजना के तहत सूखा राशन वितरित किया गया है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, कोरोना संक्रमण से देश की लगभग आधी आबादी को भाजपा मोदी सरकार की गलतियों का खामियाजा भोगना पड रहा है, देश में 51 लाख लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं 82 हज़ार 66 लोगों की मौतें हो चुकी है, प्रतिदिन लगभग एक लाख मरीज बढ़ रहे हैं मोदी सरकार ताली, थाली पिटवाने से असफल होने के पश्चात राज्यो के भरोसे छोड़ अपने हाथ खड़े कर लिए हैं।

 

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