कहीं बांसुरी तो कहीं नगाड़ा, 5 सालों में एक से एक इंस्ट्रुमेंट्स पर पीएम मोदी ने आजमाया हाथ

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कहीं बांसुरी तो कहीं नगाड़ा, 5 सालों में एक से एक इंस्ट्रुमेंट्स पर पीएम मोदी ने आजमाया हाथ

तस्वीर पीएम मोदी के चीन दौरे की है। जब वह राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ वुहान के हुबेई म्यूजियम गए थे। इस दौरान मोदी ने जिनपिंग संग ऐतिहासिक घंटियां बजाई थीं। ये घंटियां लकड़ियों से निर्मित हैं जिन्हें एक फ्रेम पर टांगा गया है। छोटी-बड़ी मिलाकर कुल 64 घंटियों का पूरा सेट है, जिन्हें पीएम मोदी ने बजाया था।,पूर्वोत्तर के राज्य मेघायल में अपने दौरे पर पीएम ने यहां लोक कलाकारों से मुलाकात के दौरान पारंपरिक ढोल बजाया था। पूरी ताकत से ढोल बजाकर पीएम मोदी लंबे समय तक सुर्खियों में रहे। दिलचस्प ये भी है कि पीएम मोदी जहां जाते हैं वैसे ही रूप में भी दिखते हैं।

त्रिपुरा में भी मोदी का संगीत के प्रति लगाव देखने को मिला। जहां पर उन्होंने स्थानीय कलाकारों संग ढोल पर हाथ आजमाए और ताल मिलाते हुए पारंपरिक वाद्य यंत्र भी बजाया।
साल 2014 में जापान दौरे पर पीएम मोदी यहां पर आयोजित एक ड्रम बजाने की प्रतियोगिता में ड्रम बजाते दिखे थे। कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी और यहां के कालाकार के बीच कमाल का तालमेल देखने को मिला था।जापान यात्रा पर पीएम वहां के स्कूली बच्चों संग सोपर्नो रिकॉर्डर भी बजा चुके हैं।

बांसुरी की तरह दिखने वाला सोपर्नो रिकॉर्डर जापान का लोकप्रिय वाद्य यंत्र है। इस दौरान पीएम मोदी ने टोक्यो में स्कूली बच्चों को भगवान कृष्ण की कहानी से भी रूबरू कराया था।तस्वीर जुलाई 2016 की है, जब पीएम मोदी तंजानिया दौरे पर थे। जहां पर उन्होंने वहां के राष्ट्रपति जॉन मगुफुली के साथ ड्रम बजाया था। इस दौराना दोनों के बीच गजब की जुगलबंदी देखने को मिली।साल 2015 में मंगोलिया दोरे के दौरान भी पीएम मोदी की संगीत के प्रति रुचि देखने को मिली। यहां पर पीएम मोदी ने मिनी नादम फेस्टिवल में शिरकत की थी, जहां पर उन्होंने वाद्य यंत्र ‘योची’ बजाया था।यह नजारा साल 2016 में दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी समारोह के उद्याटन समारोह का है, जहां पर पीएम मोदी ने आदिवासी कलाकारों के साथ ढोलक बजाई थी। इस दौरान पीएम पारंपरिक अवतार में नजर आए थे।

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